Delhi News: कालकाजी के मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का बुरा हाल, मरीजों को नहीं मिल रही जरूरी सुविधाएं
कालकाजी के पूर्णिमा सेठी अस्पताल में सुविधाओं की कमी से मरीज परेशान हैं। 24 घंटे इलाज नहीं मिलने और एक्स-रे सेवा बंद होने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। स्टाफ की कमी के कारण ओपीडी दोपहर दो बजे ही बंद हो जाती है। मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ रही है जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है। अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। कालकाजी स्थित पूर्णिमा सेठी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में 24 घंटे इलाज की सुविधा नहीं होने के कारण दोपहर बाद मरीजों को वहां से वापस लौटना पड़ता है।
स्टाफ की कमी के कारण एक्स-रे जांच अस्थायी रूप से बंद है। ऐसे में मरीजों को मजबूरी में बाहर से जांच करानी पड़ती है। इस कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वर्ष 2015 में बने इस सात मंजिला मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का लोगों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इमारत की मात्र दो मंजिल ही इस्तेमाल में लाई जा रही हैं, बाकी बंद पड़ी हैं। स्टाफ की कमी के कारण दोपहर दो बजे के बाद ओपीडी सेवा बंद कर दी जाती है। उसके बाद जांच करवाने आने वालों का वापस लौटना पड़ता है।
मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल होने के कारण यहां कालकाजी के अलावा संगम विहार, बदरपुर, तेखंड, गोविंदपुरी, संजय कॉलोनी, जैतपुर, ओखला आदि इलाकों के लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं। अस्पताल में दोपहर दो बजे तक ही ओपीडी में मरीजों को देखने की व्यवस्था है। इसके बाद अस्पताल में ताला लग जाता है।
मरीजों ने जताई नाराजगी
मैं यहां कुत्ते के काटने पर रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आया था। मगर यहां इंजेक्शन नहीं हैं। इसलिए वापस जा रहा हूं, प्राइवेट क्लीनिक में जाकर इंजेक्शन लगवाना पड़ेगा।
- मुकेश कुमार, संजय कॉलोनी
इतना बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां प्राथमिक उपचार तक नहीं मिल पा रहा है। बुखार होने के कारण डॉक्टर ने रक्त की जांच करवाने के लिए कहा है, मगर यहां जांच नहीं होती है। बाहर से करवानी पड़ेगी।
- सराेज सिंह, तेखंड
अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जांच और उपचार के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मैं यहां अपना चेकअप करवाने आई थी, मगर अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ ही नहीं है। कहीं दूसरी जगह जाकर दिखाना पड़ेगा।
- जैस्मीन खातुन, ओखला
नाम न छापने की शर्त पर अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि अस्पताल में चार जनरल फिजिशियन और दो स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं। स्टाफ की कमी के चलते एक्स-रे जांच सप्ताह में केवल दो दिन ही होती है। रेबीज के इंजेक्शन की पूर्ति, स्टाफ की कमी को पूरा करने और सुविधाएं बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को लिखा गया है।
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