Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण पर अब लग जाएगी लगाम, सरकार ने कर ली ये तैयारी

    Updated: Tue, 27 May 2025 10:38 PM (IST)

    दिल्ली सरकार लगभग 9 करोड़ रुपये की लागत से 6 नए वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करेगी। इसके लिए टेंडर को मंजूरी मिल गई है। कृत्रिम वर्षा के लिए एनओसी का आवेदन भी किया गया है। ये स्टेशन जेएनयू इग्नू और दिल्ली छावनी जैसे स्थानों पर स्थापित होंगे। सरकार कृत्रिम वर्षा का परीक्षण दिल्ली-सोनीपत सीमा की ओर करने की योजना बना रही है।

    Hero Image
    दिल्ली में अब नहीं होगी वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नए स्टेशन। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने लगभग नौ करोड़ रुपये की लागत से छह नए वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करने के लिए टेंडर को मंजूरी दे दी है। साथ ही कृत्रिम वर्षा परियोजना की एनओसी के लिए आवेदन कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इन निगरानी स्टेशनों के लिए निविदाओं को मंजूरी दे दी गई है और जल्द ही सेटअप का काम शुरू हो जाएगा।

    उन्होंने बताया, "अब जब निविदा प्रक्रिया पूरी हो गई है, तो आने वाले महीनों में ये स्टेशन स्थापित हो जाएंगे।" प्रत्येक स्टेशन पर लगभग 1.5 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। इसके साथ ही राजधानी में वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों की संख्या बढ़कर 46 हो जाएगी।

    शहर की वायु गुणवत्ता निगरानी को बढ़ावा देने के लिए, दिल्ली सरकार ने अपने 2025-26 के बजट में जेएनयू, इग्नू और दिल्ली छावनी सहित प्रमुख स्थानों पर छह नए वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की थी।

    इस बीच, कृत्रिम वर्षा परियोजना पर अद्यतन जानकारी देते हुए सिरसा ने कहा कि सरकार सर्दियों के मौसम में अधिक स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।

    पर्यावरण विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए आवेदन कर दिया है और रक्षा मंत्रालय सहित अन्य विभागों से कृत्रिम वर्षा के ट्रायल के प्रस्ताव पर बातचीत कर रहा है।

    मालूम हो कि सरकार को इस परीक्षण के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और अन्य सहित 13 प्रमुख विभागों से एनओसी की आवश्यकता है।

    सिरसा ने कहा कि कृत्रिम वर्षा के लिए एक परीक्षण जून में मानसून की शुरुआत के साथ-साथ बाहरी दिल्ली के इलाकों में, संभवतः दिल्ली-सोनीपत सीमा की ओर किए जाने की संभावना है।

    अधिकारियों ने बताया कि सरकार पांच क्लाउड-सीडिंग परीक्षण करने की योजना बना रही है, जिनमें से प्रत्येक में एक से डेढ़ घंटे तक चलने वाले विमान संचालन शामिल होंगे। ये परीक्षण अलग-अलग दिनों में किए जाएंगे और मौसम की स्थिति के आधार पर जल्दी-जल्दी हो सकते हैं।

    एक अधिकारी ने कहा, "यदि उपयुक्त मौसम देखा जाता है, तो हम एक सप्ताह के भीतर या एक या दो दिन के अंतराल के साथ सभी पांच परीक्षण कर सकते हैं। शेड्यूल बादलों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।" आईआईटी कानपुर पूरी परियोजना की देखरेख कर रहा है - योजना से लेकर क्रियान्वयन तक - और वैज्ञानिक और तार्किक मापदंडों के आधार पर परीक्षण स्थलों का चयन करेगा।