विभिन्न संशोधनों के बाद ही लागू हाेगा दिल्ली का क्लाइमेट एक्शन प्लान, सचिवालय में समीक्षा बैठक
दिल्ली की जलवायु कार्य योजना को संशोधनों के बाद लागू किया जाएगा जिसमें हीट-स्ट्रेस शहरी बाढ़ जल-संकट और ऊर्जा मांग जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा। दिल्ली सचिवालय में हुई बैठक में डीपीसीसी और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न पहलुओं पर विचार किया। ऊर्जा शहरी नियोजन परिवहन स्वास्थ्य वन और जल क्षेत्रों में सुधार पर चर्चा हुई। योजना को अंतिम अनुमोदन के लिए मंत्रालय को भेजा जाएगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली का क्लाइमेट एक्शन प्लान विभिन्न संशोधनों के बाद ही क्रियान्वित किया जाएगा। इसमें बढ़ते हीट-स्ट्रेस, शहरी बाढ़, जल-संकट और ऊर्जा-मांग में वृद्धि से जन-स्वास्थ्य व आधारभूत ढांचे पर पड़ने वाले खतरों को भी शामिल किया जाएगा।
प्लान को लेकर दिल्ली सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने प्लान के हर पहलू पर विचार विमर्श किया। ऊर्जा एवं बिजली चर्चा में एलईडी बल्ब-विस्तार, स्मार्ट मीटरिंग, बिजली आपूर्ति दक्षता और ग्रीन मॉबिलिटी के लिए चार्जिंग ढाँचे की प्रगति पेश की गई। नवीकरणीय ऊर्जा बढ़ाने और हीट वेव झेलने के लिए ग्रिड मज़बूती के उपाय भी सामने रखे गए।
शहरी नियोजन में ठोस-कचरा प्रबंधन, पुरानी डंपसाइट की बायो-माइनिंग, सीएंडडी, ई-कचरा निपटान, साथ ही नालियों के सुधार और यमुना फ्लड प्लेन की सुरक्षा पर चर्चा हुई।
परिवहन सत्र में निजी वाहन निर्भरता कम करने, स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन-बेड़े व चार्जिंग नेटवर्क बढ़ाने की रणनीति पर विचार हुआ। स्वास्थ्य प्रस्तुति में हीट अलर्ट प्रणाली और रोग निगरानी मज़बूत करने के कदम शामिल थे। साथ-साथ, वन व जैव-विविधता, कृषि-बागवानी और जल क्षेत्र पर भी चर्चा हुई। इसमें वृक्षारोपण अभियानों, जल-निकाय पुनर्जीवन, भू-जल प्रबंधन और पानी की बचत वाले खेती के तरीकों को रेखांकित किया गया।
यमुना कार्य-योजना, हीट एक्शन प्लान और वायु-प्रदूषण शमन योजना को पारस्परिक रूप से महत्वपूर्ण बताते हुए प्रगति-निगरानी को पारदर्शी रखने के निर्देश दिए गए।
डीपीसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने 2050 तक जलवायु पूर्वानुमान और विभिन्न क्षेत्रों में अपनाए जाने वाले अनुकूलन और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उपायों से अवगत कराया।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने अधिकारियों से कहा कि संशोधित प्लान और उसका क्रियान्वयन कार्यक्रम शीघ्र ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अंतिम अनुमोदन हेतु भेजा जाए।”
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।