Delhi: सिंचाई विभाग ने NGT में दाखिल किया जवाब, गाजीपुर नाले में मलबा डालने का है मामला
दिल्ली के गाजीपुर नाले में निर्माण मलबा और गैर-शोधित सीवेज डालने के खिलाफ दायर याचिका पर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने एनजीटी में जवाब दाखिल किया है। विभाग ने नाले को बरसाती नाला बताया और मलबा गिरने की बात स्वीकार की लेकिन सीवेज की जिम्मेदारी से इनकार किया। एनजीटी ने याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई स्थगित कर दी। अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के गाजीपुर नाले में निर्माण मलबा और गैर-शोधित सीवेज डालने के खिलाफ दायर आवेदन पर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जवाब दाखिल किया।
सिंचाई एवं बाढ़ विभाग ने कहा कि यह नाला वास्तव में बरसाती नाला है और वह इसकी रखरखाव करता है। विभाग ने स्वीकार किया कि आनंद विहार अप्सरा बार्डर फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान मलबा नाला में गिरा था।
यह भी कहा कि विभाग ने ठेकेदार और लोक निर्माण विभाग को कई पत्र मलबा हटाने और अन्य कदम उठाने के लिए लिखे थे।
हालांकि, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने गैर-शोधित सीवेज डाले जाने की जिम्मेदारी से इन्कार करते हुए कहा कि यह काम दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) का है। उक्त तथ्यों को देखते हुए एनजीटी ने आवेदनकर्ता रेजिडेंट वेलफेयर एसोसएिशन सरिता विहार को विभाग के हलफनामा पर प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
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आवेदन में आरोप लगाया गया था कि नाले में निर्माण मलबा व गैर उपचारित सीवेज डाले जाने से पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है। इसके कारण आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य व पर्यावरण की समस्याएं हो रही हैं। मामले में आगे की सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।
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