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    भारत दुनिया का पहला ऐसा देश, अब पंचायत स्तर पर मिलेगी सटीक मौसम की जानकारी

    By sanjeev Gupta Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 25 May 2025 09:56 PM (IST)

    भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने भारत पूर्वानुमान प्रणाली (बीएफएस) विकसित की है जिससे पंचायत स्तर पर भी सटीक मौसम का पूर्वानुमान जारी किया जा सकेगा। यह प ...और पढ़ें

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    भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने भारत पूर्वानुमान प्रणाली (बीएफएस) विकसित की है। फाइल फोटो

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (IMD) अब सटीक पूर्वानुमान की दिशा में वैश्विक छलांग लगाने के लिए तैयार है। आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए इसने एक हाई रिजोल्यूशन संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली विकसित की है।

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    इसे भारत पूर्वानुमान प्रणाली (BFS) नाम दिया गया है। इस प्रणाली का औपचारिक शुभारंभ सोमवार को विज्ञान भवन में केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह करेंगे। इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन जाएगा जिसके पास उच्च श्रेणी की वैश्विक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली होगी।

    जानकारी के अनुसार, अब तक आईएमडी सुपर कंप्यूटर की मदद से 12 किलोमीटर के दायरे में यानी ब्लॉक स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान जारी करता रहा है। अब नई प्रणाली से छह किलोमीटर के दायरे में यानी पंचायत स्तर पर भी पूर्वानुमान जारी किया जा सकेगा।

    भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम), पुणे द्वारा विकसित इस बीएफएस से पूर्वानुमानकर्ता छोटे पैमाने की मौसम विशेषताओं का अधिक सटीक पूर्वानुमान लगा सकेंगे।

    मौसम विज्ञानियों द्वारा विकसित नया पूर्वानुमान मॉडल, IIITM परिसर में 11.77 पेटाफ्लॉप की क्षमता और 33 पेटाबाइट्स की भंडारण क्षमता वाले नए सुपरकंप्यूटर अर्का की स्थापना से संभव हो सका।

    पिछले सुपरकंप्यूटर 'प्रत्युष' को पूर्वानुमान मॉडल चलाने में 10 घंटे तक का समय लगता था। अर्का सिर्फ़ चार घंटे में डेटा क्रंचिंग कर सकता है। बीएफएस छह गुणा छह किलोमीटर के ग्रिड में संभावित मौसम की घटनाओं के बारे में जानकारी देता है, जबकि पहले वाला मॉडल 12 किलोमीटर के ग्रिड के लिए पूर्वानुमान देता था।

    बीएफएस मॉडल को चलाने के लिए देश भर में 40 डॉपलर मौसम रडार के नेटवर्क से डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे मौसम विभाग को ज़्यादा स्थानीय पूर्वानुमान और मौजूदा पूर्वानुमान जारी करने में मदद मिलेगी। धीरे-धीरे डॉपलर रडार की संख्या बढ़कर 100 हो जाएगी, जिससे मौसम विभाग देश भर में अगले दो घंटे के लिए पूर्वानुमान जारी कर सकेगा।

    मौसम विज्ञानियों के अनुसार, यूरोपीय, ब्रिटिश और अमेरिकी मौसम कार्यालयों द्वारा चलाए जा रहे वैश्विक पूर्वानुमान मॉडल का रेजोल्यूशन 9 किलोमीटर से 14 किलोमीटर के बीच है। यानी, इस दिशा में भारत अब उनसे आगे निकल गया है।

    अब हम अधिक स्थानीय और सटीक मौसम पूर्वानुमान जारी कर सकेंगे। आपदा जोखिम न्यूनीकरण, कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, जन सुरक्षा के लिए पंचायत स्तर तक अधिक सटीक और विस्तृत मौसम पूर्वानुमान बीएफएस उपलब्ध करा सकेगा।

    -डॉ. मृत्युंजय महापात्रा, महानिदेशक, आईएमडी