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    Delhi Crime: क्यूआर कोड भेजकर करवाते थे ऐप इंस्टॉल, फिर ऑनलाइन खेलवाते थे सट्टा; पुलिस ने दी दबिश

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 11:45 PM (IST)

    बाहरी दिल्ली पुलिस ने एक ऑनलाइन कैसीनो गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। सुल्तानपुरी में हुई छापेमारी में पुलिस ने जुआ सामग्री और नकदी बरामद की। गिरोह का सरगना भूपेंद्र पहले भी जुआ एक्ट में शामिल रहा है। वे एक अवैध ऐप के माध्यम से लोगों को फंसाते थे क्यूआर कोड के जरिए लिंक भेजकर उनसे पैसे ऐंठते थे।

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    क्यूआर कोड भेजकर करवाते थे एप इंस्टाल, फिर आनलाइन खेलवाते थे सट्टा।

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बाहरी जिला पुलिस ने मुंबई बेस्ड एक ऑनलाइन कसीनो चलाने वाले गिरोह के नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पांच सितंबर को सुल्तानपुरी में डीडीए मार्केट के पास छापेमारी की। जहां अवैध आनलाइन जुआ संचालित करते हुए आरोपित पकड़े गए। पुलिस इनसे पूछताछ कर इनके अन्य साथियों का भी पता लगा रही है।

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    पुलिस ने घटनास्थल से 85 हजार 320 रुपये, छह कंप्यूटर सिस्टम और जुआ से संबंधित अन्य सामग्री बरामद की गई। आरोपित भुवेंदर उर्फ भूपेंद्र,सूरज, मयंक, राहुल, रोहन, राजेंद्र गुप्ता, धर्मवीर, दिलशाद अहमद और राजेश गुप्ता को सुल्तानपुरी से गिरफ्तार किया है।

    बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त सचिन शर्मा ने बताया कि टीम ने मौके पर छापा मारा और आनलाइन जुआ खेलते हुए नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम को देखकर उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया। गिरफ्तार भूपेंद्र इस गिरोह का सरगना है और वह पहले भी दिल्ली पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट के तहत पांच अन्य मामलों में संलिप्त रहा है। मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।

    पूछताछ के दौरान यह पता चला कि गिरोह एक अवैध आनलाइन कसीनो एप संचालित करता था, जिसे आधिकारिक ऐप स्टोर के बाहर होस्ट किए गए संदिग्ध डाउनलोड लिंक के माध्यम से प्रसारित किया जाता था। ये लिंक अक्सर क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके मैसेजिंग प्लेटफार्म के माध्यम से संभावित लोगों के साथ साझा किए जाते थे।

    पीड़ितों द्वारा कोड स्कैन करने के बाद उन्हें एप इंस्टाल करने और एक्सेस प्राप्त करने के लिए एक ओटीपी दर्ज करने को कहा जाता था। यह एप ग्राहकों को आनलाइन जुए में भाग लेने के लिए असली पैसे से प्वाइंट खरीदने के लिए प्रोत्साहित करता था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस व्यवस्थित तरीके से आरोपित लगातार बदलते प्लेटफार्म के पीछे अपनी पहचान छिपाते हुए, नए शिकारों को फंसाते रहे।