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    दिल्ली दंगे के छह आरोपी हुए बरी, अदालत ने दिल्ली पुलिस पर क्यों जताई नाराजगी?

    कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों से जुड़े आगजनी के मामले में छह आरोपियों को बरी कर दिया। न्यायाधीश प्रवीन सिंह ने कहा कि आरोपियों पर झूठा मामला थोपा गया। कोर्ट ने जांच अधिकारी द्वारा साक्ष्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने पर नाराजगी जताई और दिल्ली पुलिस आयुक्त को आदेश की प्रति भेजने का निर्देश दिया। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए।

    By Ashish Gupta Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 28 Aug 2025 12:30 PM (IST)
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    दिल्ली दंगे के मामले में छह आरोपियों को बरी किया।

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे से जुड़े आगजनी के मामले में कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट ने छह लोगों को बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीन सिंह के कोर्ट ने आदेश में कहा कि सुनवाई के दौरान चर्चा से यह स्पष्ट है कि केवल मामले को सुलझाने के लिए आरोपितों पर झूठा मामला थोपा गया।

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    वहीं, जांच अधिकारी ने साक्ष्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। जिसके परिणामस्वरूप आरोपितों के अधिकारों का गंभीर हनन हुआ। यह दुखद है कि स्पष्ट खामियों के बावजूद पर्यवेक्षण अधिकारियों थाना प्रभारी और सहायक पुलिस आयुक्त ने आरोपपत्र को आगे बढ़ाया। कोर्ट ने सुधारात्मक उपाय के लिए आदेश की प्रति दिल्ली पुलिस आयुक्त को भेजने की बात कही है।

    न्यू उस्मानपुर थाना क्षेत्र में दंगाइयों ने 26 फरवरी 2020 को दोपहर के वक्त गामड़ी एक्सटेंशन में एक धार्मिक स्थल के पास घर, दुकान व स्कूटी में आग लगा दी थी। इस मामले में पुलिस ने सुदामापुरी निवासी इशू गुप्ता, राज कुमार, अमित उर्फ अन्नू, पंजाबी कालोनी निवासी प्रेम प्रकाश, उस्मानपुर गामड़ी रोड निवासी मनीष शर्मा और उस्मानपुर जय प्रकाश नगर निवासी राहुल उर्फ गोलू को आरोपित बनाया था। मई 2023 में इन आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे।

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    इस मामले में निर्णय सुनाते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर नाराजगी जताई है। साथ ही जांच और आरोपपत्र दाखिल करने में खामियों की ओर इशारा किया है।