Delhi: लैंडफिल साइट्स पर पुराने के साथ नए कूड़े का भी तेजी से होगा निस्तारण, 600 करोड़ रुपये होंगे खर्च
दिल्ली नगर निगम कूड़े के पहाड़ों को कम करने के लिए नई योजना ला रहा है जिसका उद्देश्य भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल साइटों पर आने वाले अतिरिक्त कचरे का तेजी से निस्तारण करना है। निगम नई एजेंसी नियुक्त करेगा और ट्रामल मशीनों की संख्या बढ़ाएगा। इस परियोजना पर लगभग 600 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अगले दो वर्षों में कूड़े के पहाड़ को खत्म करने में अब रोज पहुंचने वाला कूड़ा चुनौती नहीं बनेगा। निगम भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचने वाले चार हजार टन अतिरिक्त कूड़े के निस्तारण की योजना लेकर आ रहा है।
सभी मंजूरी मिलने के बाद अगले दो से तीन माह में इसके तहत काम शुरू किया जाएगा। इससे तय समय-सीमा में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने में निगम को सहूलियत होगी।
साथ ही निगम तय लक्ष्य पर कूड़े के पहाड़ों का निस्तारण कर सकेगा। फिलहाल निगम तीनों लैंडफिल पर 25 हजार टन प्रतिदिन कूड़े का निस्तारण करने की क्षमता है। इसे निगम 10 हजार टन और बढ़ाना चाहता है ताकि तेजी से यह कार्य हो सके।
ओखला लैंडफिल साइट पर कूड़ा जाना हुआ बंद
दिल्ली में ओखला लैंडफिल साइट पर नया कूड़ा नहीं जाता है लेकिन गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल पर अभी भी प्रतिदिन 4200 टन कूड़ा प्रतिदिन पहुंचता है लेकिन भलस्वा लैंडफिल पर पर प्रतिदिन करीब 9528 टन तो गाजीपुर में 5925 टन पुराना कचरा निस्तारित होता है लेकिन दोनों लैंडफिल पर 4200 मीट्रिक टन नया कचरा पहुंचने से निगम की गति पुराने कचरे को निस्तारण में धीमी हो जाती है।
ऐसे में निगम नया कचरा पुराने कचरे के निस्तारण में बाधा न बने इसके लिए अतिरिक्त मशीनरी और एजेंसी को लगाने जा रहा है। इससे करीब 10 हजार टन अतिरिक्त तीनों लैंडफिल पर कचरा निस्तारण होने लगेगा।
निगम ने इसके लिए ओखला लैंडफिल से 12 माह में 30 लाख मीट्रिक टन कचरा निस्तारण, भलस्वा लैंडफिल पर 15 माह में 40 लाख मीट्रिक टन कचरा निस्तारण और गाजीपुर लैंडफिल से 27 माह में 70 लाख टन कचरा निस्तारण के लिए नई एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है।
गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़ा निस्तारण पर खर्च होंगे 296 करोड़
इसके लिए निगम ने प्रशासनिक स्वीकृति देकर नई एजेंसी की नियुक्ति के लिए टेंडर आमंत्रित करने जा रहा है। निगम के अनुसार इसके लिए गाजीपुर लैंडफिल पर 296 करोड़ तो वहीं भलस्वा लैंडफिल पर 167 और ओखला लैंडफिल पर 128 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
उल्लेखनीय है कि एमसीडी ने दिल्ली में करीब 11500 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है कि इसमें 7259 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण तो हो जाता है लेकिन 4242 मीट्रिक टन कचरा गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल पर प्रतिदिन डाला जा रहा है।
नई एजेंसी नियुक्त होने से लैंडफिल पर ट्रामल मशीनों की संख्या बढ़ जाएगी साथ ही कूड़ा निस्तारण भी तेज होने लगेगा। अभी कुल 58 ट्रामल मशीनें लगी है। इसमें 18 मशीनें भलस्वा, 28 ट्रामल मशीनं गाजीपुर और 16 ट्रामल मशीनें ओखला लैंडफिल पर लगी हैं।
कितना कूड़ा फिलहाल किस लैंडफिल पर पड़ा है
लैंडफिल साइट | क्षेत्र (हेक्टेयर में) | लक्ष्य समाप्ति तिथि |
---|---|---|
भलस्वा | 43.56 | दिसंबर 2026 |
गाजीपुर | 80.59 | दिसंबर 2027 |
ओखला | 28.21 | जुलाई 2026 |
कुल | 152.36 |
नोट(कूड़े की मात्रा लाख मीट्रिक टन में )
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