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    बर्ड फ्लू के खतरे के चलते दो सप्ताह और बंद रहेगा दिल्ली चिड़ियाघर, कर्मचारियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर उठाए सवाल

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 06:49 PM (IST)

    दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है जिससे कई पक्षी संक्रमित हुए हैं। प्रशासन ने दर्शकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। कर्मचारियों ने सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया है उनका कहना है कि सैनिटाइजेशन केवल कुछ क्षेत्रों में हो रहा है और पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं मिल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कर्मचारियों की मेडिकल जांच शुरू कर दी है।

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    बर्ड फ्लू के खतरे के चलते दिल्ली का चिड़ियाघर अभी रहेगा बंद।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू (एच5एन1) का खतरा लगातार गहराता जा रहा है। सोमवार को एक और पेंटेड स्टार्क की मौत के साथ अब तक लगभग डेढ़ दर्जन पक्षी इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।

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    चार स्टार्क को अलग रखा गया है। प्रशासन ने एहतियातन कम से कम दो सप्ताह तक दर्शकों का प्रवेश रोक दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक सभी रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आती और लगातार दो बार रैंडम जांच में भी स्थिति साफ नहीं हो जाती।

    तब तक चिड़ियाघर को खोलने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन इसी बीच कर्मचारियों ने चिड़ियाघर के अंदर अपनी सुरक्षा को लापरवाही का आरोप लगाया है।

    सैनिटाइजेशन कार्य सिर्फ एक हिस्से तक हो रहा

    चिड़ियाघर प्रशासन का दावा है कि सभी वन्यजीवों और पक्षियों के बाड़ों में दिन में दो बार सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक सैनिटाइजेशन कार्य पूरे चिड़ियाघर में नहीं केवल बीट नंबर 12 पर किया जा रहा है।

    वहीं, पीपीई किट, मास्क और सुरक्षा उपकरण भी उन्हीं कर्मियों को उपलब्ध कराए गए हैं जो बीट नंबर 12 पर सफाई कार्य या पक्षियों की देखभाल कर रहे हैं।

    बाकी कर्मचारियों को न तो पीपीई किट मिली, न साबुन मिला है, न ही सैनिटाइजर। ऐसे में बाकी कर्मचारियों के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा और बढ़ गया है।

    कई कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें रोजाना बिना सुरक्षा उपकरण के काम करना पड़ रहा है। एक कर्मचारी ने कहा कि अगर हमें ही सुरक्षित नहीं रखा गया, तो संक्रमण बाहर तक फैलने का खतरा और बढ़ जाएगा।

    मेडिकल जांच शुरू 

    हालात गंभीर होते देख केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने कर्मचारियों की मेडिकल जांच शुरू कर दी है। पहले चरण में 250 से अधिक कर्मचारियों के ब्लड और यूरिन सैंपल लिए जाएंगे। यदि इनमें संक्रमण के मामले सामने आते हैं, तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।

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