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    दक्षिण के राज्यों से जुड़े बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह के तार, सरगना ने ऐसे तैयार किया पूरा नेटवर्क

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 12:41 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने नवजात बच्चों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसके संबंध दक्षिण भारतीय राज्यों से भी हैं। गिरोह हैदराबाद और चेन्नई में निसंतान जोड़ों को बच्चे बेचता था। सरगना सुंदर एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव ने उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में डॉक्टरों के माध्यम से नेटवर्क बनाया।

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    दक्षिण भारत में भी फैला बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह का नेटवर्क

    अमित भाटिया, दक्षिणी दिल्ली। नवजात बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह के तार दक्षिण के राज्यों से भी जुड़ रहे हैं। प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला है कि गिरोह ने हैदराबाद और चेन्नई में भी निसंतान दंपतियों को बच्चे बेच रखे हैं। हालांकि, पुलिस अभी इस बारे में ज्यादा कुछ बताने से बच रही है।

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    उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही और भी गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं, जिसके बाद उनकी निशानदेही पर भी बेचे गए बच्चे बरामद किए जाएंगे।

    पुलिस के अनुसार, इस गिरोह के सरगना सुंदर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव होने के कारण अक्सर उत्तर प्रदेश के फतेहाबाद और आगरा के आसपास छोटे कस्बों में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों से मिलता था, पुलिस उनकी भी जांच कर रही है। इस तरह उसने कई जगह अपना नेटवर्क बना रखा था।

    दक्षिण भारत में बच्चों को बेचने में भी इसकी भूमिका सामने आ रही है। ऐसे में पुलिस जांच कर रही है कि दक्षिण के राज्यों में किस नेटवर्क के माध्यम से बच्चे बेचे गए हैं।

    पुलिस की मानें तो आरोपितों को बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि पुलिस उन तक पहुंच पाएगी। इसके लिए ये लोग गोद देने के दस्तावेज भी फर्जी बनवाते थे ताकि कहीं कोई सबूत न मिले। इस कारण ही पिछले तीन साल से गिरोह धड़ल्ले से बच्चों की तस्करी कर रहा था और अभी तक पकड़ा नहीं गया था। ऐसे में उत्तर भारत के साथ ही इन्होंने दक्षिण के राज्यों में भी अपना नेटवर्क बढ़ाना शुरू किया था।

    रामबन ने बेची थी अपनी बेटी, पुलिस कर रही तलाश

    सराय काले खां बस अड्डे से बच्चा चोरी करने के मामले में पुलिस डा. कमलेश के लिए काम करने वाले रामबरन की तलाश कर रही है। आरोपित की तलाश में यूपी के कई जिलों में छापेमारी की जा रही है। रामबरन ने ही अपने चाचा के लड़के वीरभान को बच्चा चुराने के लिए कहा था। उसने उनसे वह बच्चा डेढ़ लाख रुपये में खरीदा था।

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    पुलिस के अनुसार, रामबरन के चार बच्चे हैं। पिछले साल उसकी पांचवीं बेटी हुई थी, जिसे उसने बेच दिया था। वहीं इस मामले में बहनों कृष्णा और प्रीति की मां दाई का काम करती है। ऐसे में पुलिस जांच कर रही है कि अनचाहे गर्भ धारण करने वाली युवतियों की डिलीवरी करवाने में उसकी कोई भूमिका है या नहीं।

    पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में कई और गिरफ्तारियां होंगी, जिसके बाद कुछ और नवजात बच्चों की बरामदगी हो सकती है।