ऑनलाइन टास्क देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चीन के ठगों को बेचते थे भारतीय बैंक खाते
दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने ऑनलाइन टास्क के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया है जो राजस्थान के रहने वाले हैं। ये गिरोह चीन के ठगों के संपर्क में थे और उन्हें कमीशन पर भारतीय बैंक खाते मुहैया कराते थे। पुलिस ने इनके पास से 42 लाख रुपये के लेनदेन का पता लगाया है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने ऑनलाइन टास्क देकर लाखों कमाने का झांसा देने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया है। सारे आरोपित राजस्थान के जोधपुर व बालोतरा के रहने वाले हैं। यह गिरोह पिछले काफी समय से चीन के ठगों के संपर्क में था। उन्हें कमीशन के आधार पर भारतीय बैंक खाते मुहैया कराता था।
42 लाख रुपये के लेन-देन मिला
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि जालसाजों की पहचान रविंद्र विश्नोई, महिपाल, मोहम्मद यासीन, रोहित निम्बावत उर्फ रोनी उर्फ विक्की व यश वैष्णव के रूप में हुई है। पुलिस ने इनसे ठगी में इस्तेमाल 10 मोबाइल, 12 सिम कार्ड, सात बैंक खाते, सात डेबिट कार्ड, दो राउटर और 3 संदिग्ध आइडी बरामद की है। पुलिस को आरोपितों से बरामद खातों में 42 लाख रुपये के लेन-देन का पता चला है।
एक टास्क करने पर 50 रुपये देने का झांसा
जालसाज ऑनलाइन टास्क देकर मोटी रकम कमाने का झांसा देकर ठगी करते थे। ये एक टास्क पूरा करने पर 50 रुपये देने का वादा करते थे। कुछ दिन तक पैसा देने के बाद पीड़ित को भरोसे में ले लेते हैं। फिर पीड़ितों को ऑनलाइन मोटी रकम दिखाते हैं। इस रकम को निकालने के लिए आरोपित उनसे लाखों रुपये का फर्जी बैंक खातों में निवेश करा लेते थे।
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मनी ट्रेल का पता लगाकर ठगों तक पहुंची पुलिस
गिरोह ने 12 जुलाई को मुनिरका निवासी व्यक्ति से ठगी की थी। आरोपित ने उन्हें टेलीग्राम ऐप पर एक समूह में जोड़कर ठगी की थी। साइबर थाना प्रभारी प्रवेश कौशिक के नेतृत्व में पुलिस ने जांच शुरू की।
इस दौरान मनी ट्रेल के माध्यम से पुलिस ने खाताधारक मोहम्मद यासीन निवासी राजस्थान बालोतरा से गिरफ्तार किया। यासीन के खाते में ही पीड़ित की रकम ट्रांसफर की गई थी।
इसके बाद पुलिस ने विक्की उर्फ रोहित, यश वैष्णव, रोहित निम्बावत उर्फ रोनी उर्फ विक्की को पकड़ा।
आरोपितों ने बताया कि वह गिरोह के सरगना रविंद्र विश्नोई को ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते हैं। तब पुलिस ने रवि की लोकेशन का पता लगाकर उसे महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया।
चीन के ठगों से था सरगना रविंद्र का संपर्क
सरगना रविंद्र अपने साथियों से बैंक खाते लेकर उन्हें कमीशन के आधार पर चीन के ठगों को बेचता था। वह टेलीग्राम ऐप के जरिए उनके संपर्क में था। एक खाते के एवज में आरोपित 20 से 25 हजार रुपये लेता था। इसके अलावा ठगी की जो रकम उसके पास के खातों में आती थी, उसे चीनी ठगों को भेजता था। गिरोह ने नेपाल व सिंगापुर के बैंक खाते भी चीन के ठगों को दिए।

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