Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली के पुराने किले में बोटिंग का ट्रायल शुरू, पर्यटकों की उमड़ी भीड़; इस दिन से आम जनता ले सकेगी इसका लुत्फ

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 10:19 PM (IST)

    दिल्ली के ऐतिहासिक पुराना किला में बोटिंग की सुविधा शुरू होने से पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। दिल्ली चिड़ियाघर के बंद होने से भी पर्यटकों का रुझान इस ओर बढ़ा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अक्टूबर तक बोटिंग को पूरी तरह शुरू करने की योजना बना रहा है। किले का पुरातत्व संग्रहालय और मुगलकालीन झील भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।

    Hero Image
    दिल्ली के पुराना किला में बोटिंग की सुविधा शुरू होने से पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली का ऐतिहासिक पुराना किला (पुराना किला) इन दिनों पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) यहां बोटिंग की सुविधा शुरू करने जा रहा है। अभी इसका ट्रायल चल रहा है। जिसके बाद पुराना किला पर्यटकों से गुलजार हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दूसरी बात, दिल्ली चिड़ियाघर के अस्थायी रूप से बंद होने के बाद पुराना किला में पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।

    स्थानीय संरक्षण सहायक अजय बागड़ी ने बताया कि करीब नौ-दस साल बाद बोटिंग की सुविधा शुरू करने की योजना है। फिलहाल इसका ट्रायल चल रहा है और अक्टूबर तक यह सुविधा पूरी तरह से शुरू होने की उम्मीद है। पहले सोमवार से शुक्रवार तक 500 से 600 लोग ही आते थे, लेकिन अब यहां बोटिंग होने से पिछले एक हफ्ते में पर्यटकों की संख्या 1000 से 1200 तक पहुंच गई है।

    शनिवार को यह आंकड़ा 3000 तक पहुंच गया। जबकि पहले वीकेंड पर यह संख्या 1500 से 2000 के आसपास रहती थी। पुराना किला दिल्ली की प्राचीन धरोहरों में गिना जाता है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल का इंद्रप्रस्थ नगर इसी स्थान पर बसा था। 16वीं शताब्दी में अफ़ग़ान शासक शेरशाह सूरी ने इस किले का निर्माण कराया और इसका नाम "शेरगढ़" रखा।

    बाद में मुगलों ने भी अपने शासनकाल में इस किले का इस्तेमाल किया। लाल बलुआ पत्थर से बनी इसकी विशाल दीवारें और स्थापत्य शैली आज भी पर्यटकों को मोहित करती है। इतिहास का खजाना समेटे पुरातत्व संग्रहालय भी पुराने किले की खास पहचान है।

    यहाँ सल्तनत काल, गुप्त काल, शुंग काल और मुगल काल से जुड़ी सैकड़ों वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं। इनमें सबसे बड़ा आकर्षण पकी हुई मिट्टी से बना मुगलकालीन हाथी है। इसे देखने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में पर्यटक संग्रहालय पहुँच रहे हैं।

    गौरतलब है कि पुराना किला परिसर में बनी झील का इतिहास मुगल काल से जुड़ा माना जाता है। यह कृत्रिम झील शेरशाह सूरी और हुमायूँ के काल की यादें समेटे हुए है और पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही है। हालाँकि, इस झील में नौकायन की सुविधा 1 सितंबर से शुरू होनी थी, लेकिन परिसर में चल रहे निर्माण कार्य के कारण इसे स्थगित करना पड़ा।

    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने बताया कि काम पूरा होते ही झील में नौकायन फिर से शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि अक्टूबर महीने से आम जनता के लिए नौकायन की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।