रुपये देकर जमीन खरीदना कोई अपराध नहीं : कोर्ट में बोलीं बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, जानें मामला
राउज एवेन्यू कोर्ट में जमीन के बदले नौकरी मामले में सुनवाई हुई। राबड़ी देवी ने कहा कि रुपये देकर जमीन खरीदना अपराध नहीं है। वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि सौदों में पैसे दिए गए थे और राबड़ी देवी लाभार्थी नहीं हैं। सीबीआई का आरोप है कि रेलवे में नौकरियां जमीन के बदले दी गईं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दलील दी कि रुपये देकर जमीन खरीदना कोई अपराध नहीं है और सीबीआइ का यह आरोप कि जमीन के बदले नौकरियां दी गई, पूरी तरह से निराधार है।
अदालत आरोप तय करने से पहले बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुन रही है। मामले की सुनवाई 21 अगस्त को भी जारी रहेगी। वहीं, कोर्ट ने राबड़ी देवी को बुधवार को एक दिन की पेशी से छूट भी दे दी। राबड़ी देवी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दलील दी कि सभी सौदों में संबंधित पक्षों को रुपये दिए गए थे।
अधिवक्ता ने दलील दी कि जब रुपये दिए गए हैं तो ज्यादा से ज्यादा इस मामले में इतना कहा जा सकता है कि जमीन अपेक्षाकृत सस्ती दर पर खरीदी गई थी। इसे नौकरी के बदले जमीन कहना गलत है।
अधिवक्ता ने दलील दी कि राबड़ी देवी इस मामले में लाभार्थी नहीं है। कई बार लोग रुपयों की जरूरत में जमीन बेचते हैं। इसमें अपराध कहां है। अधिवक्ता ने यह भी सवाल उठाया कि सीबीआइ किस आधार पर कह सकती है कि नौकरियां प्लाट्स के बदले दी गईं।
उन्होंने तर्क दिया कि क्या सीबीआइ ने कभी कहा कि जमीन खरीदने के बदले रुपये नहीं दिए गए हैं। एजेंसी की ओर से पेश गवाह ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव चक (छोटे-छोटे टुकड़ों से मिलकर बना जमीन का एक बड़ा टुकड़ा) बनवा रहे थे।
इसलिए उन्हें जमीन बेचने को कहा गया था, लेकिन गवाह ने यह नहीं कहा कि उसे रुपये नहीं दिए गए हैं। यहां तक कि सीबीआइ ने भी यही दलील दी थी कि जमीन खरीदी गई थी। उन्होंने दलील दी कि जमीन खरीदना कोई अपराध नहीं है।
सीबीआइ ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच भारतीय रेल के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी पदों पर कई नियुक्तियां जमीन के बदले की गई थीं। यह नियुक्तियां उस समय रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के दबाव में की गई।
इस मामले में कुल 103 आरोपित हैं, जिनमें लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव भी शामिल हैं। सुनवाई के दौरान अब तक चार आरोपितों की मौत हो चुकी है।
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