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    इधर Tihar में चल रहा था राज्यपाल का विजिट, उधर ब्रिटिश अधिकारी भी पहुंचे; क्यों किया गोपनीय दौरा?

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 06:18 PM (IST)

    ब्रिटेन से प्रत्यर्पित भगोड़े कैदियों की सुरक्षा के लिए तिहाड़ जेल में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ब्रिटिश अधिकारियों ने जेल प्रशासन से सुरक्षा उपायों की जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि कैदियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और उच्च सुरक्षा वार्ड में विशेष व्यवस्था है। कैदियों के लिए वजन और लंबाई के अनुसार नियम बनाए गए हैं। उन्हें कैंटीन पुस्तकालय और खेलकूद जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं।

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    ब्रिटेन के क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के अधिकारी जुलाई में तिहाड़ जेल आए थे।

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। ब्रिटेन में रह रहे भगोड़े भारतीयों को प्रत्यर्पण के तहत यदि देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में लाया जाता है, तो उनकी सुरक्षा के लिए यहां समुचित इंतजाम सुनिश्चित किए जाएंगे।

    कुछ समय पहले ब्रिटेन के क्राउन प्राॅसिक्यूशन सर्विस के अधिकारी तिहाड़ आए थे, जहां उन्होंने जेल प्रशासन से उन उपायों के बारे में जानकारी ली, जो प्रत्यर्पण की स्थिति में वहां से लाए गए कैदियों के लिए यहां सुनिश्चित होंगी।

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    जेल सूत्रों का कहना है कि ब्रिटेन के अधिकारियों को बताया कि गया कि तिहाड़ की चाक चौबंद व्यवस्था में कैदियों की सुरक्षा सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसमें कोई लापरवाही का प्रश्न ही नहीं है।

    जुलाई में किया था ब्रिटिश अधिकारियों ने दौरा

    क्राउन प्राॅसिक्यूशन सर्विस के अधिकारियों के दौरे को ब्रिटेन में रह रहे विजय माल्या व नीरव मोदी जैसे भगोड़ों के प्रत्यर्पण की दिशा में उठाए जा रहे कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

    सभी से गोपनीय रखा गया ब्रिटिश अधिकारियों का यह दौरा जब जुलाई में हो रहा था, तब तिहाड़ में गुजरात के राज्यपाल का दौरा चल रहा था। सभी का ध्यान राज्यपाल के दौरे पर था।

    कुछ लाेगों की नजर ब्रिटिश अधिकारियों पर गई, लेकिन लोगों ने समझा कि यह या तो किसी विदेशी एनजीओ के अधिकारियों का जेल विजिट है या फिर मानवाधिकार आयोग से कोई आया है।

    सूत्रों का कहना है कि ब्रिटिश अधिकारियों के इस दल में ब्रिटिश उच्चायोग के कुछ अधिकारी भी थे। ब्रिटिश अधिकारियों ने हाई सिक्योरिटी वार्ड के सुरक्षा इंतजामों के बारे में जानना चाहा।

    अधिकारियों ने उन्हें हाई सिक्योरिटी वार्ड के इंतजामों के साथ ही यह भी बताया कि यहां यदि किसी कैदी की सुरक्षा अत्यंत संवदेनशील हो तो उनके लिए जरूरत पड़ने पर अलग से इंतजाम किए जाते हैं।

    ब्रिटिश अधिकारियों को ये नियम भी समझाए गए

    ब्रिटिश अधिकारियों को वजन, लंबाई के साथ एक व तीन का नियम भी समझाया गया। उन्हें समझाया गया कि कैसे किसी कैदी के साथ कौन कैदी बैरक या सेल में रहेगा, इसके लिए कैदी के वजन व लंबाई को देखते हुए उसके साथ रखे जाने वाले कैदी का इंतजाम किया जाता है।

    इसमें सामान्य कद काठी के कैदी के साथ सामान्य कद काठी के कैदी के रखने की व्यवस्था होती है ताकि शारीरिक तौर पर कोई किसी पर हावी नहीं हो सके।

    इसी तरह यह भी बताया कि एक सेल में कभी दो कैदी नहीं रखे जाते हैं ताकि झगड़ा होने पर तीसरा शोर मचा सके या दोनों के बीच झगड़े को समाप्त करने में भूमिका निभा सके।

    ब्रिटिश अधिकारियों को जेल में कैदियों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी बताया गया। इसमें कैंटीन, पुस्तकालय, खेलकूद व अन्य क्रियाकलाप से जुड़ी गतिविधियां शामिल थीं।

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