बुझ गए दो घरों के चिराग: अनिकेत-कृष्ण की मौत से सदमे में परिजन, पूरे इलाके में छाया मातम
बाहरी दिल्ली के शालीमार बाग में मुनक नहर में नहाने गए दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान अनिकेत और कृष्ण कुमार के रूप में हुई है दोनों बच्चे आयुर्वेदिक अस्पताल के पास रहते थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि नहर किनारे सुरक्षा दीवार का अभाव है जिससे हादसे हो रहे हैं।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में शालीमार बाग स्थित मुनक नहर में रविवार शाम नहाने गए दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई। करीब दो से तीन घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद दोनों बच्चों का शव नहर से निकालकर अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया गया।
वहीं, सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिए गए। मृतक बच्चों की पहचान नौ वर्षीय अनिकेत और 13 वर्षीय कृष्ण कुमार के रूप में हुई है। शालीमार थाना पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
उत्तरी-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि दोनों बच्चे शालीमार बाग स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल के पास रहते थे। शुरुआती जांच में पता चला कि दोनों रविवार की शाम करीब चार बजे नहर में नहाने गए थे।
वहीं, देर शाम सूचना की मिली कि दोनों बच्चे डूब गए हैं, सर्च ऑपरेशन के बाद रात 10:17 बजे दोनों बच्चों को नहर से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक अनिकेत पिता और दो बड़े भाइयों के साथ झुग्गी में रहता था। कई वर्ष पूर्व उसकी मां की मौत हो चुकी है।
वहीं, मृतक कृष्ण कुमार अपने पिता उमेश कुमार और दो भाई और एक बहन के साथ रहता था। इसकी भी मां की मौत पहले ही हो चुकी है। दोनों मृतकों के पिता मजदूरी कर परिवार का गुजारा करते हैं। इस हादसे के बाद पीड़ित परिवारों में मातम का माहौल है।
नहर किनारे नहीं है सुरक्षा दीवार
पीड़ित परिवार ने कहना है कि यहां नहर के किनारे किसी भी तरह की सुरक्षा दीवार नहीं बनाई गई है। न ही किसी भी तरह का कोई सुरक्षाकर्मी ही यहां तैनात किए गए हैं। बच्चे आए दिन नहर की तरफ चले जाते हैं, जहां नहाने के दौरान बच्चों की मौत हो जाती है। कई बार बच्चे नहर किनारे खेलते हुए, गिर भी जाते हैं। फिलहाल जरूरत है।
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पुलिस अधिकारी का कहना है कि आसपास रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। बच्चों को नहर की ओर जाने से रोका जा सके। वहीं, प्रशासन को भी मुस्तैद रहने की जरूरत है, यहां पर सुरक्षा के इंतजाम भी करने होंगे। दोनों परिवारों में गम का माहौल है और आसपास के लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
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