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    Yamuna Flood: दिल्ली में घरों में घुसा बाढ़ का पानी, सीएम रेखा गुप्ता ने लिया हालात का जायजा

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 02:00 PM (IST)

    दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है जिससे कई इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गीता कॉलोनी में राहत शिविरों का जायजा लिया और लोगों की समस्याओं को जाना। उन्होंने अधिकारियों के साथ बाढ़ की तैयारियों पर भी चर्चा की। सीएम ने यमुना बाजार का भी दौरा किया और हालात का जायजा लिया।

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    गीता कॉलोनी यमुना पुल पर लगाए गए राहत शिविर में लोगों से बात करतीं मुख्यमंत्री।

    डिजिटिल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पल-पल यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। यमुना का पानी मंगलवार दोपहर को खतरे के निशान को पार कर 205.90 मीटर पहुंच गया। यमुना की उफान से यमुना खादर सहित राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया है।

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    इस स्थिति को देखते हुए लोगों को घरों से राहत शिविर में पहुंचाया गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार दोपहर को गीता कॉलोनी में यमुना पुल पर बाढ़ की तैयारियों का जायजा लिया और राहत शिविर में पहुंचकर लोगों से बात कर उनकी समस्या जानी।

    इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी ऋषिता गुप्ता व सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात की। इसके बाद सीएम यहां से यमुना बाजार पहुंचीं और वहां के हालात का जायजा लिया। 

    यमुना बाजार में घरों में घुसा यमुना का पानी, राहत कैंप में बैठे लोग। फोटो- ध्रुव कुमार

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    फरीदाबाद में 82 हजार 247 क्यूसेक पहुंचा यमुना का जलस्तर

    फरीदाबाद में यमुना का पानी सुबह से लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार दोपहर को जिले में यमुना का जलस्तर 82 हजार 247 क्यूसेक पर पहुंच गया है। इससे पहले, आज सुबह ओखला बैराज से फरीदाबाद की सीमा में 61 हजार 968 क्यूसेक पानी बह रहा था, जबकि सोमवार को 56 हजार 421 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था।

    किसानों की फसलें पानी में डूबी

    यमुना के पानी से खेतों में खड़ी धान की फसल डूब गई है। किसान इसे लेकर खासे चिंतित हैं। फसलों के नुकसान को लेकर सरकार ने किसानों को नुकसान भरपाई को लेकर आर्थिक मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।

    उपायुक्त ने किसानों से कहा है कि वह अपने नुकसान को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें। किसान अपने नुकसान को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने के लिए तैयार नहीं हैं। क्योंकि 2023 में जब बाढ़ आई थी, तो किसानों ने अपने नुकसान को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड किया था।

    जिले से छह हजार किसानों ने अपने नुकसान का अपलोड किया था। तब तत्कालीन उपमुख्यमंत्री एवं आपदा मंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसानों को बोरवेल में मिट्टी भर जाने और कोठरा गिर जाने के नुकसान का मुआवजा देने के बारे में घोषणा की थी। तब सरकार ने किसी भी किसान को नुकसान का एक रुपया भी मुआवजा नहीं दिया था।

    इसलिए किसानों को यह विश्वास नहीं है कि सरकार कोई नुकसान का मुआवजा देगी। यमुना में आई बाढ़ के नुकसान का अधिकारी लगातार गांवों का दौरा कर जायजा रहे हैं। अभी तक रिहायशी क्षेत्र में बसंतपुर-ईस्मालपुर को छोड़ कर किसी गांव की आबादी में जलभराव नहीं हुआ है।