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    यमुना के बढ़ते पानी से वजीराबाद पुल बंद, जाम से लोग परेशान, उधर जाने से पहले जानें डायर्वेट रोड

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 03:14 PM (IST)

    पूर्वी दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण वजीराबाद पुल को बंद कर दिया गया है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है जो 207.48 मीटर तक पहुंच गया है। स्कूल के बच्चे पैदल पुल पार करने को मजबूर हैं जबकि वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। ट्रैफिक को डायवर्ट करने से जाम लग रहा है।

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    ट्रैफिक डायवर्जन से लगा लंबा जाम और उमस भरा मौसम राहगीरों की परेशानी का सबब बन गया।

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण पूर्वी दिल्ली में वजीराबाद पुल को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। भारी बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 207.48 मीटर तक पहुंच गया है।

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    इस नजारे के बीच स्कूल के बच्चे पैदल पुल पार करने को मजबूर हैं, जबकि वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। खजूरी से ट्रैफिक को डायवर्ट कर उस्मानपुर पुश्ता रोड से शाहदरा जीटी रोड की ओर भेजा जा रहा है। 

    इसके चलते भारी जाम की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय लोगों और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में इन दिनों वर्षा के चलते यमुना नदी का पानी बड़ी मुसीबत बन गया है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर अब बाढ़ जैसे हालातों के बीच स्थानीय लोगों को डरा रहा है। एनडीआरएफ से लेकर अन्य विभागों ने इसके लिये पूरी तैयारी कर ली है। 

    यमुना ने तोड़ा 1978 का रिकॉर्ड

    दरअसल, वर्ष 1978 से अब तक यमुना में इस बार सबसे अधिक पानी आया है। इसलिए अधिक नुकसान हो रहा है। वर्ष 1978 में यमुना का जलस्तर 212 मीटर पर था। वहीं, बुधवार को पल्ला गांव में यह 213.50 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यमुना में जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। 

    वर्ष 1978 से अब तक 47 वर्ष में बुधवार को जलस्तर सबसे अधिक दर्ज किया गया। हथनीकुंड बैराज से अधिक पानी छोड़े जाने से इस बार किसानों को अधिक नुकसान की आशंका है क्योंकि पानी के तेज बहाव के कारण जमीन का अधिक कटाव हुआ है। वहीं, गोहाना में तीन सितंबर,1995 के बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। गोहाना और आस-पास के क्षेत्र में फसलें पानी में डूबी हुई हैं।

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