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    MCD में खत्म होगा बिचौलियों का राज, दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने का सर्टिफिकेट अब मिलेगा ऑनलाइन

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 11:08 PM (IST)

    दिल्ली में अब संपत्ति कर जमा करने का सर्टिफिकेट ऑनलाइन मिलेगा। संपत्ति खरीदने से पहले नागरिक बकाया और जमा का रिकॉर्ड देख सकेंगे। एमसीडी ने यह प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है, जिससे बिचौलिया राज खत्म होगा। पंजीकृत मोबाइल नंबर से लॉग इन कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। यह सर्टिफिकेट क्यूआर कोड युक्त होगा, जिससे सत्यता की पहचान की जा सकेगी।

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    संपत्ति खरीदने से पहले कोई भी नागरिक देख सकेगा संपत्तिकर बकाया और जमा करने का रिकार्ड।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अगर, दिल्ली में आपको संपत्ति बेचनी या खरीदनी है तो उस पर संपत्तिकर बकाया या जमा करने का सर्टिफिकेट लेने के लिए एमसीडी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने होंगे। एमसीडी ने संपत्तिकर बकाया और जमा करने का सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी है।

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    जहां कोई भी नागरिक संपत्ति पर बकाया या जमा करने के रिकार्ड की आंशिक जानकारी देख सकेगा। जबकि पंजीकृत मोबाइल नंबर से लाॅगइन करके विस्तृत जानकारी देख सकेगा। इससे एमसीडी में बिचौलियां राज तो खत्म होगा। एमसीडी के अधिकारियों की मनमर्जी भी खत्म होगी।

    एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में संपत्ति खरीदने से लेकर बेचने के दौरान लोग संपत्तिकर भुगतान का विवरण मांगते हैं। अभी तक इसके लिए एक सर्टिफिकेट क्षेत्रीय कार्यालयों से दर्ज होता था। इसके लिए लोगों को एमसीडी के दफ्तर जाना पड़ता था साथ ही एमसीडी के कर्मचारियों को रिकार्ड जांचने और सर्टिफिकेट देने में आठ से दस दिन का समय लग जाता था।

    लेकिन अब नई प्रक्रिया के तहत हाथों हाथ लोग यह सर्टिफिकेट ऑनलाइन एमसीडी की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल ट्रायल के तौर पर यह सुविधा नि:शुल्क दी जा रही है लेकिन इसका सफल प्रयोग होने के बाद इसका मामूली शुल्क लेकर प्रदान किया जाएगा। ताकि लोग इसका दुरुपयोग भी न कर सके।

    अधिकारी ने बताया कि इस पर 1990 से लेकर अब तक का संपत्तिकर भुगतान का विवरण दिखाई देगा। अगर, किसी वित्त वर्ष में संपत्तिकर भुगतान नहीं किया है तो वह बकाया दिखाएगा। अगर, भुगतान किया गया है तो भुगतान किया हुआ दिखाएगा।

    साथ ही यह सर्टिफिकेट क्यू आर कोड युक्त भी होगा। ताकि कोई भी नागरिक इसकी सत्यता की पहचान भी स्वयं कर सके। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 40 लाख से अधिक संपत्तियां हैं।

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