पाक्सो मामले में 500 पेज की जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज, संक्षिप्त अर्जी दाखिल करने की सलाह
एक पाक्सो मामले में अदालत ने 500 पृष्ठों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने अभियुक्त को संक्षिप्त याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है, क्योंकि लंबी याचिका को समय की बर्बादी माना गया। अदालत ने कहा कि जमानत याचिका संक्षिप्त और सटीक होनी चाहिए, जिसमें केवल प्रासंगिक जानकारी हो। अदालत ने अभियुक्त को जल्द से जल्द संक्षिप्त याचिका दायर करने का निर्देश दिया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पाक्सो के एक मामले में आरोपित की तरफ से दायर 500 पेज की जमानत अर्जी को कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट ने भारी-भरकम बताते हुए खारिज कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार के कोर्ट ने कहा कि इतना विस्तृत और विशाल आवेदन देख पाना मुश्किल है। कोर्ट ने आरोपित के वकील को सुझाव दिया है कि अर्जी को संक्षिप्त कर उसे दोबारा दायर किया जा सकता है।
वर्ष 2024 में कल्याणपुरी पुलिस थाने में एक नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज हुआ था। इस मामले में आरोपित तभी से न्यायिक हिरासत में है।
आरोपित की ओर से कोर्ट में 500 पृष्ठों की जमानत अर्जी दायर की गई। 17 अक्टूबर को अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के पास पहले ही पुराने मामलों के निपटारे का बोझ है।
ऐसे में आरोपित के वकील की तरफ से दायर की गई इतनी भारी-भरकम अर्जी तर्कसंगत नहीं है। इस वजह से इसे खारिज किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि आरोपित के वकील नई और संक्षिप्त अर्जी दायर करने के लिए स्वतंत्र हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।