कागजों में ही किए जा रहे प्रदूषण रोकने के इंतजाम, टेंडर में फंसी एंटी स्मॉग गन; प्रदूषण नियंत्रण के दावे फेल
राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय कागजों तक सीमित हैं। एंटी स्मॉग गन का टेंडर फंसने से प्रदूषण नियंत्रण के दावे विफल हो रहे हैं। योजनाओं का कार्यान्वयन बाधित है, जिससे जनता में निराशा है। शहर में धूल और धुएं को कम करने के लिए एंटी स्मॉग गन की तत्काल आवश्यकता है, लेकिन टेंडर में देरी के कारण यह उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के तमाम दावों के बावजूद दिल्ली में धूल प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), दिल्ली नगर निगम से लेकर नई दिल्ली नगर पालिका परिषद में भी यही स्थिति बनी हुई है। जिन ट्रकों वाली एंटी स्माग गन को अब तक सड़कों पर उतर जाना चाहिए था उनके लिए अभी कहीं टेंडर हो रहे हैं और अगर जिनके टेंडर हो भी गए हैं तो वे ट्रक भी अभी सड़कों पर नहं उतरे हैं।
यह स्थिति तब है जब दीवाली के बाद अब हवा फिर से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच रही है। प्रदूषण नियंत्रण के काम से जुड़े विशेषज्ञ अधिकारियों की हीला-हवाली को बड़ी लापरवाही मान रहे हैं। उनकी मानें तो टेंडर का काम तो पहले से ही हो जाना चाहिए था।
पीडब्ल्यूडी की बात करें तो 1259 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं, 60 फुट से चौड़ी सड़कें और आअडर रिंग रोड, रिंग रोड सहित सभी प्रमुख मार्ग पर इाी के पास आते हैं। मगर प्रदूषण रोकने के ज्यादातर इंतजाम कागजों में ही कर रहा है।
यहां तक कि धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ट्रकों वाली जिन एंटी स्माग गन और स्प्रिंकलर टैंकर यानी पानी के छिड़काव वाले टैंकर लगाए जाने का दावा किया जा रहा है, अभी तक ये सड़कों पर नहीं उतर सके हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जिन कंपनियों को एंटी स्माग गन वाले हाइड्रोलिक ट्रक चलाने का टेंडर मिला है वे कंपनियां अभी तक अपने ट्रकों आदि की मरम्मत ही करा रही हैं तो काेई किसी अन्य किसी कारण से अभी अपने संसाधन सड़कों पर नहीं उतार सका है। हालांकि, उनका मीटर चालू है क्योंकि सरकार के मंत्री ही इसके सड़कों पर चलने का दावा कर रहे हैं।
हीलाहवाली का आलम यह भी है कि पीडब्ल्यूडी अभी कुछ डिवीजन में एंटी स्माॅग गन लगाने के लिए टेंडर ही जारी कर रहा है। विभाग में मेंटिनेंस विंग के दक्षिणी जोन के तहत पश्चिमी डिवीजन- दो में अभी तक एंटी स्माग गन लगाने के लिए टेंडर ही जारी हो गए हैं।
इस डिवीजन में गत 25 अक्टूबर को दो टेंडर जारी हुए हैं। जिनके तहत 150 दिनों के लिए हाइड्रोलिक ट्रैकों पर स्थापित एंटी स्माग गन लगाई जानी हैं। इनकी अनुमानित लागत दो करोड़ 60 लाख है। टेंडर 30 अक्टूबर को खुलेंगे। यानी कि टेंडर सफल होता है तो भी स्माग गन अब नवंबर में ही शुरू हो सकेंगी।

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