दुर्व्यवहार के विरोध में सफदरजंग अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल, इलेक्टिव ओटी और ओपीडी सेवाएं ठप
सफदरजंग अस्पताल में एक वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार के विरोध में रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। इस हड़ताल के चलते इलेक्टिव ओटी और ...और पढ़ें

अपनी मांगों के समर्थन में सफदरजंग अस्पताल में प्रदर्शन करते हैं रेजीडेंट डॉक्टर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सफदरजंग अस्पताल के एनेस्थीसिया रेजीडेंट डॉक्टरों ने 28 नवंबर को सीनियर रेजीडेंट के साथ हुई घटना के विरोध में बुधवार से सभी इलेक्टिव ओटी और ओपीडी सेवाएं रोक दी हैं।
आरोप है कि कार्डियो थोरैसिक ऐंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) के इंटेंसिव केयर यूनिट में एनेस्थीसिया विभाग के एक वरिष्ठ रेजीडेंट के साथ वरिष्ठ चिकित्सक विभागाध्यक्ष ने कथित मौखिक और शारीरिक दुर्व्यवहार किया। रेजीडेंट्स का आरोप है कि शिकायत दिए 72 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई माफी या ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सहमति से पलटा प्रशासन
कई दौर की बैठकों में रेजीडेंट्स, आरडीए और प्रशासन के बीच यह सहमति बनी थी कि विभागाध्यक्ष घटना स्थल पर मौखिक माफी के साथ बिना शर्त लिखित माफीनामा भी प्रशासन को देंगे। इसके आधार पर निदेशक की ओर से एक आधिकारिक पत्र जारी होना था। लेकिन अगले ही दिन प्रशासन अपने रुख से पीछे हट गया और कहा कि किसी भी आधिकारिक पत्र में ‘माफी’ शब्द शामिल नहीं किया जाएगा।
इस निर्णय से नाराज रेजीडेंट्स ने सामूहिक रूप से इलेक्टिव सेवाएं बंद करने की घोषणा कर दी। आरडीए (रेजीडेंट्स डाक्टर एसोसिएशन) ने कहा कि पूरी स्थिति की जिम्मेदारी प्रशासन की है, क्योंकि वह सहमति पर कायम नहीं रहा। दो दिसंबर को निदेशक डा. संदीप बंसल के कार्यालय से आदेश जारी कर मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई।
कई संस्थानों का मिला समर्थन
निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए डा. मंजू गुप्ता को अस्थायी रूप से सीटीवीएस विभाग का कार्यवाहक विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। फेडरेशन आफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर आरडीए समर्थन किया है और मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। इससे पहले दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने भी आरडीए को अपना समर्थन दे चुकी है।

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