'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड से पहले ही Sameer Wankhede बन चुके थे मजाक', रेड चिलीज का दिल्ली HC में जवाब
समीर वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे के जवाब में रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने दिल्ली उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर किया है। रेड चिलीज ने कहा कि वेब सीरीज रिलीज होने से पहले ही वानखेड़े की प्रतिष्ठा खराब हो चुकी थी। कंपनी ने सीबीआई जांच का हवाला देते हुए वानखेड़े के बेदाग रिकॉर्ड के दावे को भी नकारा। अदालत ने अगली सुनवाई 10 नवंबर को तय की है।

समीर वानखेड़े के मानहानि मुकदमे पर रेड चिलीज ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। द बैड्स ऑफ बालीवुड सीरीज के खिलाफ आईआरएस समीर वानखेड़े के मानहानि मुकदमे पर अभिनेता शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।
हलफनामा में रेड चिलीज ने कहा कि समीर वानखेड़े की प्रतिष्ठा वेब सीरीज की रिलीज से बहुत पहले ही सार्वजनिक उपहास का विषय बन चुकी थी। लिखित जवाब में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) द्वारा वानखेड़े के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश और जबरन वसूली के आरोपों में शुरू की गई कार्यवाही का उल्लेख किया गया है।
प्रोडक्शन हाउस ने वानखेड़े के इस दावे का खंडन किया कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया गया है और उनका रिकार्ड बेदाग है। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामा में रेड चिलीज ने यह भी कहा कि वादी की उक्त एफआईआर में संलिप्तता ने जनता का ध्यान और आलोचना को काफी आकर्षित किया था।
आरोपों से जुड़े कई इंटरनेट मीडिया पोस्ट, समाचार लेखों और सार्वजनिक चर्चाओं से यह स्पष्ट रूप से पता चलता है। ये सामग्रियां यह स्थापित करती हैं कि उक्त सीरीज की रिलीज से काफी पहले ही सार्वजनिक रूप से वादी की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ चुका था।
इस पर अदालत ने समीर वानखेड़े, अभिनेता शाहरुख खान के स्वामित्व वाली रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए समय दे देते हुए मामले की सुनवाई 10 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।
वानखेड़े ने रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स के खिलाफ सीरीज में उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए मानहानि का मुकदमा दायर कर दो करोड़ रुपये का हर्जाना देने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि यह सीरीज नशीली दवाओं के खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों का भ्रामक और नकारात्मक चित्रण करती है।

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