सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में बिजली-पानी का कनेक्शन काटने से हाहाकार, MCD के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा
दिल्ली के सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जाने से हंगामा मच गया। नगर निगम ने फ्लैट खाली करने की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। कई परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए, क्योंकि अपार्टमेंट में अंधेरा छा गया था। अभी तक 290 फ्लैट खाली हो चुके हैं, जबकि 45 अभी भी खाली हैं। निगम अब आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहा है।

बिजली-पानी के बिना कटेगी लोगों की रात, ज्यादातर लोग रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट। जागरण
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। फ्लैट खाली करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग को ठुकराते हुए दिल्ली नगर निगम और संबंधित एजेंसियों ने सोमवार को तकरीबन पांच घंटे के भीतर सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के सभी फ्लैट के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए।
बिजली-पानी कनेक्शन काटने की कार्रवाई शुरू होने से पहले खूब हंगामा हुआ। कार्रवाई के विरोध में अपार्टमेंट के तीन-चार लोग बीच सड़क पर बैठ गए। पुलिस ने इन लोगों को हिरासत में ले लिया और कुछ समय बाद रिहा कर दिया।
निगम का कहना है कि अपार्टमेंट के सभी लगभग डेढ़ सौ बिजली के कनेक्शन काटे गए, पौने दो सौ फ्लैट की बिजली आपूर्ति पहले से ही बंद हो चुकी थी। पानी की आपूर्ति मुख्य लाइन से बंद कर दी गई हैं।
भारी पुलिस बल के बीच नगर निगम और अन्य एजेंसियों ने निर्धारित समय से लगभग तीन घंटे देरी से अपनी कार्रवाई आरंभ की। करीब एक बजे दिल्ली नगर निगम, डीडीए, दिल्ली जल बोर्ड, टाटा पावर कंपनी के कर्मचारी-अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई शुरू करनी चाही तो अपार्टमेंट रह रहे 35-40 परिवार के लोगों ने अपनी-अपनी मजबूरियों का हवाला देते हुए कार्रवाई कुछ दिन टालने का आग्रह किया।
लेकिन, नगर निगम ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि कार्रवाई रोकना अब संभव नहीं है। इसके बाद नाराज लोग बहस करने लगे, इसी दौरान तीन-चार लोग अपार्टमेंट के बाहर मुख्य रोड पर बैठकर विरोध जताने लगे। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी को हिरासत में ले लिया। इस कारण लोग और उत्तेजित हो गए।
पुलिस और नगर निगम व डीडीए के अधिकारियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की। लंबी जद्दोजहद के बाद संबंधित एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई आरंभ की। बीच-बीच में मामूल व्यवधान के बावजूद कार्रवाई चलती रही। पुलिस के जवानों के साथ हर फ्लोर व फ्लैट में जाकर बिजली के कनेक्शन काट दिए गए। शाम ढलते ही सभी फ्लैटों में अंधेरा छा गया। टीम ने कामन एरिया और लिफ्ट के बिजली आपूर्ति बहाल रखी।
लोगों को रिश्तेदारों के घर जाना पड़ा
बिजली-पानी आपूर्ति बंद होने के बाद अपार्टमेंट में रह रहे लगभग 45 परिवारों के ज्यादातर लोग फ्लैट को बंद कर अपनी रिश्तेदारी में चले गए। कुछ फ्लैट में एक-एक आदमी रुके, बाकी परिवार के सदस्य अन्यत्र चले गए। अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों की रात अंधेरे में कटेगी। रूपेश ने बताया कि परिवार सहित रिश्तेदारी में जाना पड़ा। रात को फ्लैट में रखवाली के लिए वे खुद रुकेंगे।
अब तक 290 फ्लैट खाली हुए
सोमवार को लगभग 10 लोगों ने अपने फ्लैट खाली कर दिए हैं। इसके साथ ही यह संख्या बढ़कर लगभग 290 हो गई है। अपार्टमेंट में कुल 336 फ्लैट हैं। यानि, 45 फ्लैट अभी भी खाली नहीं हुए हैं। इन लोगों की अपनी मजबूरियां हैं।
इन लोगों का कहना है कि फ्लैट खाली करने के लिए हफ्ते-दस दिन की मोहलत मांग रहे हैं। उन्होंने लिखित में अंडरटेकिंग देने का भी प्रस्ताव रखा, लेकिन नगर निगम व डीडीए ने उनकी एक नहीं सुनी। निवासी प्रदीप बरेजा का कहना है कि अधिकारियों ने गलत व्यवहार किया।
अब आगे क्या होगा
बिजली-पानी कनेक्श काटने के बाद भी फ्लैट खाली नहीं हुए तो नगर निगम आगे क्या कदम उठाएगा, इस प्रश्न के उत्तर में नगर निगम सिविल लाइंस जोन के उपायुक्त अंशुल सिरोही का कहना है कि कानून सम्मत अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा। सिरोही ने कहा कि उम्मीद है कि अब जल्द ही सभी फ्लैट खाली हो जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सभी फ्लैट खाली होने के बाद इस 10 मंजिला इमारत को ध्वस्त किया जाएगा। इसके लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ध्वस्त होने के बाद डीडीए तीन साल के भीतर पूरी इमारत नए सिरे से बनाएगा और इसके बाद आवंटियों को फ्लैट देगा। इमारत बनने तक डीडीए हर आवंटी को मासिक किराया देगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।