सेंट कोलंबस स्कूल के छात्र की खुदकुशी मामले में चार शिक्षिकाओं का निलंबन, अभिभावकों के प्रदर्शन ने पकड़ा जोर
राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पर सेंट कोलबंस स्कूल के 10वीं के छात्र के आत्महत्या करने के मामले में चार शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया गया है। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से शिकायत की थी कि शिक्षिकाओं ने छात्र को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था। इस घटना के बाद अभिभावकों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सेंट कोलबंस स्कूल के 10वीं के छात्र के आत्महत्या करने के मामले में अभिभावकों के साथ प्रदर्शन करते लोग। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पर सेंट कोलबंस स्कूल के 10वीं के छात्र के आत्महत्या करने के मामले में चार शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया गया है। छात्र के स्वजन और अन्य अभिभावकों ने गुरुवार को स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर अपना आक्रोश प्रकट किया। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने चारों शिक्षिकाओं युक्ति अग्रवाल, मनु कालरा, जूली वर्गिस और अपराजिता पाल के निलंबन का आदेश जारी कर दिया।
स्कूल के प्रिंसिपल राॅबर्ट फर्नांडिस की तरफ से जारी आदेश में जांच पूरी होने तक सभी को निलंबित किया गया है। हालांकि, पूरे मामले पर प्रिंसिपल का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन और वाट्सएप मैसेज का जवाब नहीं दिया।
इससे पहले प्रदर्शन में शामिल छात्र की मौसी ने रोते हुए बताया कि बच्चा लंबे समय से तनाव में था, लेकिन वे परीक्षा और बोर्ड दबाव के कारण चुप रहे। वह बार-बार बताता था कि उसे परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें तो आज उसके सहपाठियों से पता चला कि उसने स्कूल के काउंसलर्स और शिक्षकों से भी कहा था कि वह आत्महत्या कर लेगा, पर किसी ने हमें एक बार भी सूचना नहीं दी। छात्र की बहन ने दावा किया कि वह बेहद प्रतिभाशाली था। डांस और थिएटर में अव्वल और हाल ही में एक प्रतियोगिता जीती थी, लेकिन स्कूल ने उसे प्रमाणपत्र तक नहीं दिया।
छात्र के दोस्तों का कहना है कि यह उत्पीड़न कोई नया नहीं था। एक सहपाठी ने बताया कि वह कहता था कि वह सेंट कोलंबस का अगला शाहरुख खान बनेगा। एक दिन वह ड्रामा क्लब में फिसल गया, तो एक शिक्षक ने सबके सामने उसका मजाक उड़ाया और बोल दिया कि वह ओवरएक्टिंग कर रहा है। इस तंज से वह अंदर ही अंदर बहुत टूट गया था।
एक अन्य छात्र ने बताया कि घटना वाले दिन उसने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह गुस्से में वहां से भाग गया। उसने कहा कि कक्षा में डांटना अलग बात है, लेकिन किसी को बार-बार सबके सामने अपमानित करना, छोटी-छोटी बात पर निशाना बनाना, यह उत्पीड़न है।
स्कूल में यह सिर्फ उसके साथ नहीं, कई बच्चों के साथ हो रहा है। प्रदर्शन में शामिल एक अभिभावक ने बताया कि जब बच्चा स्कूल से बाहर भागा, तो वह उस समय स्कूल के बाहर ऑटो में थीं। उसकी आंखें बिल्कुल लाल थीं। उसने मुझसे कहा कि अपने बच्चे को इस स्कूल में मत पढ़ाइए। तब हमें अंदाजा नहीं था कि वह ऐसी अवस्था में था।
छात्र ने मंगलवार को राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन से कूदकर जान दे दी थी। छात्र ने सुसाइड नोट में चारों शिक्षिकाओं का नाम लेते हुए लिखा कि उन पर कार्रवाई की जाए ताकि कोई और छात्र ऐसा कदम न उठाए।

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