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    Delhi Riots 2020: उमर खालिद को इन शर्तों पर मिली अंतरिम जमानत, बहन की शादी में होगा शामिल

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 05:34 PM (IST)

    उत्तर पूर्वी दिल्ली में साल 2020 की फरवरी में हुए दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गुरुवार को अंतरि ...और पढ़ें

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    उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi Riots 2020 के आरोपी उमर खालिद को दिल्ली की एक अदालत से गुरुवार को अंतरिम जमानत मिल गई। उमर को यह राहत बहन की शादी के लिए मिली है।

    दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट से उमर को 16-29 दिसंबर तक की अंतरिम जमानत मिली है। इस दौरान वह अपनी बहन की शादी में शामिल होगा।   

    जेएनयू के पूर्व छात्र, एक्टिविस्ट उमर खालिद 2020 से ही दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद है। उमर खालिद पर यूएपीए के तहत केस दर्ज है।

    20 हजार का निजी बॉन्ड भी भरना होगा

    कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर वाजपेयी ने खालिद को 16 से 29 दिसंबर तक अंतरिम जमानत दी, जिसके लिए उन्हें 20,000 के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानती पेश करने होंगे।

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    अदालत ने दी राहत पर रखीं ये शर्तें

    • खालिद को निर्देश है कि वह दिल्ली दंगा केसे के किसी भी चश्मदीद या अन्य किसी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेगा।
    • उसे अपना मोबाइल नंबर भी जांच अधिकारी को देने और उसे पूरी अंतरिम जमानत की अवधि तक ऑन रखने का निर्देश है।
    • इस दौरान खालिद को सोशल मीडिया भी इस्तेमाल नहीं करना है।
    • इस दौरान उमर को सिर्फ अपने परिवार, रिलेटिव्स और दोस्तों से मिलने की इजाजत है।
    • कोर्ट ने उमर को उसके घर या उन जगहों पर रहने की इजाजत दी है जहां शादी की रस्में होंगी।

    उमर की बेल कब-कब हुई रिजेक्ट

    बात अगर उमर की जमानत की करें तो अक्टूबर 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। तब उमर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली लेकिन बाद में अपनी याचिका वापस ले ली। इसके बाद उमर ने ट्रायल कोर्ट में अपनी दूसरी नियमित जमानत याचिका डाली जो खारिज हो गई।

    तब उसने फिर ट्रायल कोर्ट के फैसले को चैलेंज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। दिल्ली हाईकोर्ट की एक बेंच ने 2 सितंबर को यह टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया, पूरी साजिश में उमर खालिद की भूमिका 'गंभीर' है, क्योंकि उन्होंने 'मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को बड़े पैमाने पर लामबंद करने के लिए भड़काऊ भाषण' दिए थे।

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