विहिप मार्गदर्शक मंडल की बैठक में लालकिला धमाका मुद्दा हावी, कट्टरता और शिक्षा जिहाद पर संतों ने जताई गहरी चिंता
दिल्ली में हुई विहिप मार्गदर्शक मंडल की बैठक में लालकिला धमाका मुद्दा छाया रहा। संतों ने कट्टरता और शिक्षा जिहाद पर गहरी चिंता व्यक्त की। बैठक में इस ...और पढ़ें
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विहिप की शीर्ष केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में विषय प्रस्तावना रखते विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अलोक कुमार। साथ में मौजूद संत। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लालकिला आतंकी धमाके की गूंज विहिप के शीर्ष केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी है। देशभर के शीर्ष 300 से अधिक संतों की उपस्थिति में मंगलवार से शुरू बैठक में पहले दिन यह मामला प्रमुखता से छाया रहा।
खासकर जिहाद के नाम पर उच्च शिक्षित मुस्लिम युवाओं की आतंकी घटनाओं में बढ़ती लिप्तता, उनमें बढ़ती मजहबी कट्टरता तथा जिहाद व आतंकवाद के महिमामंडन से देश के सामने उत्पन्न संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। आगे, देश में दूसरे सबसे बड़े बहुसंख्यक समाज मुस्लिम को मिले अल्पसंख्यक दर्जे तथा देश में नई तरह के शिक्षा जिहाद को गंभीर बताते हुए उससे निपटने को संत समाज से मार्गदर्शन मांगा गया है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी को बंद करने की मांग
वक्ताओं ने लालकिला आतंकी धमाके के षडयंत्र की धुरी फरीदाबाद स्थित अलफलाह विवि को तत्काल बंद करने तथा उसे शैक्षणिक संस्थान के रूप में मंजूरी, भूमि आवंटन तथा विदेशी सहायता की भी गंभीर जांच की मांग की गई है।
केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल, विहिप की सर्वोच्च इकाई है, जिसकी बैठक प्रत्येक वर्ष दो बार होती है। दिल्ली में यह लंबे अर्से बाद हो रही है। बैठक में चुनाव आयोग द्वारा देशभर में की जा रही एसआइआर प्रक्रिया, मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण से मुक्ति, मतांतरण के बढ़ते मामले,धर्म स्वातंत्र्य कानून को संपूर्ण देश में एक समान रूप से लागू करने व पंजाब में बढ़ते ड्रग का नशा समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा आरंभ हुई है।
मानसिकता से निपटने की चुनौती
बैठक में विषय प्रस्तावना विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने रखते हुए कहा कि लाल किला आतंकी हमले के षडयंत्र में शामिल सभी आतंकियों को सजा मिल जाएगी, लेकिन हमें उस मानसिकता से निपटना है जो स्कूल, कालेज और अन्य संस्थानों में जिहाद के नाम पर आतंकी पैदा करता है, जो खुद मरने को उतारू होते हैं। अल फलाह एक ऐसा विवि बना जहां दिल्ली से इस्लामिक मिसाइल दागने का काम किया।
ऐसे तत्वों व विचारों पर कैसे रोक लगे, उसपर आगे क्या रणनीति हो, वह तय करने की आवश्यकता है।
आगे उन्हाेंने माता वैष्णो देवी मेडिकल कालेज की कुल 50 सीटों में 45 पर मुस्लिम छात्रों के प्रवेश प्रकरण को गंभीर बताते हुए नए तरीके के शिक्षा जेहाद पर विमर्श पर जोर दिया। मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, मतांतरण की बढ़ती घटनाओं समेत अन्य विषय विचार के लिए रखें।
हमले का समर्थन चिंताजनक
चर्चा का आरंभ करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि कुछ समूह आज जिहाद और आतंकी मानसिकता को उचित ठहराने का दुस्साहस कर रहे हैं। दिल्ली में हुए आतंकी हमले के आरोपी का समर्थन करने की प्रवृत्ति अत्यंत चिंताजनक है।
उन्होंने मांग की कि देश की संसद कठोर और प्रभावी कानून लाए। उन्होंने देवालयों की सरकारी अधिग्रहण से मुक्ति तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता पर भी बल दिया।
ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज की अध्यक्षता में प्रारंभ हुए बैठक में जगद्गुरु स्वामी राम कमलचार्य, अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद, आचार्य बालकानंद, गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज, अखाड़ा परिषद के महामंत्री राजेंद्र दास के साथ ही अन्य प्रतिष्ठित संत व विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद हैं।

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