Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    क्या है Ant Mill... जब सैकड़ों चींटियां एक ही गोल घेरे में घूमकर दे देती हैं जान?

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 02:13 PM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा है कि हजारों चींटियां बिना किसी वजह के एक बड़े से गोल घेरे में लगातार घूमती रहें, जब तक कि वह थककर मर न जाएं? जी हां, यह कोई कहानी नहीं, बल्कि प्रकृति में होने वाली एक अजीबोगरीब घटना है, जिसे वैज्ञानिक 'एंट मिल' (Ant Mill) कहते हैं। यह दृश्य ऐसा लगता है जैसे चींटियों ने खुद ही अपने लिए मौत का एक घेरा बना लिया हो।

    Hero Image

    Ant Mill: क्यों एक-दूसरे के पीछे घूमकर मर जाती हैं चींटियां? (Image Source: Freepik) 

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोचिए, जमीन पर हजारों चींटियां हैं, लेकिन वह किसी खाने की तलाश में नहीं हैं, बल्कि एक विशाल घूमते हुए पहिये की तरह गोल घेरे में फंस गई हैं। वह रुकती नहीं, वह थकती नहीं, बस लगातार दौड़ती रहती हैं... जब तक कि एक-एक करके गिरकर मर नहीं जातीं! जी हां, प्रकृति का यह नजारा जितना हैरान करने वाला है, उतना ही दुखद भी। वैज्ञानिक इसे 'एंट मिल' (Ant Mill) कहते हैं, यानी एक ऐसा जानलेवा लूप जो चींटियों को सीधे मौत के मुंह में खींच लेता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
     
     
     
    View this post on Instagram

    A post shared by Snagbug (@snagbug)

    चींटियों का GPS हो जाता है फेल

    एंट मिल की यह घटना अक्सर आर्मी चींटियों (Army Ants) में देखी जाती है, जो हमेशा झुंड में चलती हैं। असल में, ये चींटियां अपनी दिशा तय करने के लिए एक खास तरह की गंध छोड़ती हैं, जिसे फेरोमोन (Pheromones) कहते हैं। जब यह झुंड किसी वजह से अपनी मुख्य लाइन से भटक जाता है, तो चींटी के पीछे वाली चींटी अपनी आगे वाली चींटी के फेरोमोन को ही अपने रास्ते का निशान मान लेती है।

    अपनी ही गंध के धोखे में आ जाती हैं चींटियां

    जब ऐसा होता है कि पहली चींटी घूमकर फिर से अपनी ही फेरोमोन वाली लाइन पर आ जाती है, तो एक गोल घेरा (Circular Loop) बन जाता है। अब हर चींटी यह सोचती है कि वह अपनी साथी का पीछा कर रही है और अपने बिल की ओर जा रही है। वे लगातार, बिना रुके, उस गोल घेरे में घूमती रहती हैं। वे न तो खाना खाती हैं और न ही पानी पीती हैं।

    घंटों तक चलता है मौत का यह रहस्यमय चक्कर

    यह चक्कर तब तक चलता रहता है जब तक चींटियां पूरी तरह थक नहीं जातीं। आखिरकार, भूख, प्यास और अत्यधिक थकावट के कारण वे एक-एक करके मरने लगती हैं। यह गोल घेरा घंटों, कभी-कभी तो पूरे एक दिन तक चल सकता है, और अंत में हजारों चींटियों के लिए यह घेरा उनका कब्रिस्तान बन जाता है। यह दिखाता है कि एक छोटा-सा दिशा भ्रम और झुंड का अंधानुकरण (Blind Following) किस तरह प्रकृति में एक जानलेवा त्रासदी बन सकता है।

    यह भी पढ़ें- कभी सोचा है अगर एक सांप गलती से या जानबूझकर दूसरे को काट ले, तो क्या होगा?

    यह भी पढ़ें- जिम कॉर्बेट हो या रणथंभौर, आखिर क्यों मानसून में बंद रहते हैं भारत के नेशनल पार्क?