पुतिन हों या ट्रंप, कैसे चुनी जाती है विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के रुकने की जगह? दिलचस्प है होटल सिलेक्शन का प्रोटोकॉल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत आ रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। इस बार पुतिन ITC Maurya में ठहरेंग ...और पढ़ें

कैसे तय होती है भारत आए विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के रहने की जगह?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। 4 दिसंबर की तारीख भारत के लिए बेहद खास है। आज दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आ रहे हैं। कूटनीतिक दृष्टि से यह बेहद अहम है और पूरी दुनिया की नजरें इस मुलाकात पर टिकी हुई हैं। यह मुलाकात इसलिए भी खास है, क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन पहली बार भारत आ रहे हैं।
इससे पहले वे साल 2021 में भारत आए थे और इसे संयोग ही कहिए कि दिसंबर के महीने में ही आए थे। इस बार पुतिन ITC Maurya में ठहरने वाले हैं, जो एक शानदार 5 सितारा होटल है। लेकिन क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि विदेशी राष्ट्राध्यक्ष, जो अमूमन किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री होते हैं, भारत आते हैं, तो राष्ट्रपति भवन के अतिथि स्कंध (Guest Wing) या अपने दूतावास में क्यों नहीं ठहरते?
आपको बता दें कि आजादी के बाद लगभग दो दशकों तक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रपति भवन के गेस्ट विंग में ही ठहरा करते थे। हालांकि, आधुनिकीकरण के साथ इन गणमान्य अतिथियों की पसंद बदलती गई और देश के मशहूर 5-स्टार होटल इनकी पहली पसंद बन गए। ऐसे में सवाल आता है कि इनके ठहरने की जगह कैसे चुनी जाती है, इसका प्रोटोकॉल क्या है (foreign heads of state hotel protocol) और आजादी के बाद से अभी तक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष कहां-कहां रुके हैं। आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब।
भारत में राष्ट्राध्यक्षों के ठहरने का ‘खास प्रोटोकॉल’
जब दुनिया के बड़े नेता भारत आते हैं, तो उनके ठहरने का इंतजाम भी बेहद शाही तरीके से किया जाता है। ये सारा इंतजाम एक खास प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है। नई दिल्ली के कुछ चुनिंदा लग्जरी होटल और राष्ट्रपति भवन को ही इस शाही मेजबानी के लिए चुना जाता है, जहां सुरक्षा, सुविधा और कूटनीतिक औपचारिकता यानी डिप्लोमेटिक प्रोटोकॉल सबसे ऊपर होते हैं।
आज के समय में नई दिल्ली के दो होटल, आईटीसी मौर्या (ITC Maurya) और द ताज महल होटल (The Taj Mahal Hotel) सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं।

(Picture Courtesy: ITC Maurya)
कहां होती है राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी?
आईटीसी मौर्या (ITC Maurya)
यह होटल डिप्लोमेटिक एन्क्लेव (Diplomatic Enclave) में स्थित है और इसे अक्सर राष्ट्राध्यक्षों और ग्लोबल डिग्निटरीज की पसंदीदा जगह बताया जाता है। इसकी चाणक्य/ ग्रैंड प्रेसिडेंशियल सुइट कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे नेताओं की मेजबानी कर चुकी है।
1977 में दिल्ली में स्थापित हुआ ITC Maurya अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इसका इतिहास मौर्य वंश के प्रति श्रद्धांजलि में निहित है, जिसने इसके आर्किटेक्चर को भी प्रेरित किया है। यह आलीशान होटल लगभग 30 से भी ज्यादा वर्षों से विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और गणमान्यों की मेजबानी कर रहा है।

(ITC Maurya)
द ताज महल होटल (The Taj Mahal Hotel)
इंडिया गेट के पास स्थित यह ऐतिहासिक होटल अपनी शानदार लोकेशन, सुरक्षा और लग्जरी सुविधाओं के कारण डिग्निटरीज के लिए दूसरा सबसे पसंदीदा ठिकाना है।

(Picture Courtesy: Taj Mahal Hotel)
सरकारी मेजबानी
जब भारत किसी राष्ट्राध्यक्ष की आधिकारिक राज्य यात्रा (Formal State Visit) की मेजबानी करता है, तो राष्ट्रपति भवन का गेस्ट विंग (द्वारका, नालंदा सूइट्स) उनके ठहरने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

(Picture Courtesy: Rashtrapati Bhawan)
इनके अलावा, द इंपीरियल (The Imperial), ले मेरिडियन/शांगरी-ला/लीला/क्लैरिज्स (Le Méridien/Shangri-La/Leela/Claridges) जैसे अन्य लग्जरी होटलों को भी कभी-कभार दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष की मेजबानी का मौका मिलता है।
दशकों में राष्ट्राध्यक्षों के ठहरने का इतिहास
आजादी के बाद से, राष्ट्राध्यक्षों के ठहरने की व्यवस्था में समय के साथ बदलाव आया है।
1947-1970 का दशक- सरकारी निवास का दौर
- मेजबानी का ठिकाना- इस अवधि में, ज्यादातर आधिकारिक राज्य यात्राओं की मेजबानी गवर्नमेंट हाउस / राष्ट्रपति भवन के गेस्ट विंग में की जाती थी।
- होटलों का उल्लेख- इस समय शहर के होटलों में विदेशी नेताओं के ठहरने का उल्लेख प्रेस में बहुत सीमित मिलता है, क्योंकि राष्ट्रपति भवन ही मुख्य केंद्र होता था।
(Picture Courtesy: Rashtrapati Bhawan)
1980-1990 का दशक- लग्जरी होटलों का बढ़ता इस्तेमाल
- बड़े प्रतिनिधिमंडलों के लिए लुटियंस दिल्ली (Lutyens’ Delhi) और चाणक्यपुरी के लग्जरी होटलों का इस्तेमाल बढ़ने लगा।
- मेजबानी का ठिकाना- ताज पैलेस/ताज महल होटल, द इंपीरियल और द ओबेरॉय जैसे होटल अब धीरे-धीरे विदेशी नेताओं की मेजबानी करने लगे।
(Picture Courtesy: The Oberoi)
2000-2020 का दशक- आईटीसी मौर्या और ताज का वर्चस्व
- आईटीसी मौर्या कई राष्ट्राध्यक्षों के लिए 'डिफॉल्ट' होटल बन गया (खासकर इसका ग्रैंड प्रेसिडेंशियल सुइट)। ताज पैलेस/ताज महल होटल भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल किए गए।
| दशक | ठहरने की मुख्य जगह | मुख्य विशेषताएं |
| 1947–1970 | गवर्नमेंट हाउस / राष्ट्रपति भवन | इस दौर में ज्यादातर राजकीय अतिथि राष्ट्रपति भवन के गेस्ट विंग में ही रुकते थे। शहर के होटलों में ठहरने का रिकॉर्ड सीमित है। |
| 1980–1990 | ताज पैलेस, द इंपीरियल, द ओबेरॉय | बड़े प्रतिनिधिमंडलों के लिए लग्जरी होटलों (खासकर लुटियंस दिल्ली और चाणक्यपुरी में) का उपयोग बढ़ा। |
| 2000–2020 | आईटीसी मौर्या, ताज पैलेस/ताज महल होटल | आईटीसी मौर्या (ग्रैंड प्रेसिडेंशियल सुइट) सबसे पसंदीदा ठिकाना बना। 2014 में राष्ट्रपति भवन का बहाल गेस्ट विंग फिर इस्तेमाल होने लगा (पहले अतिथि- भूटान के राजा-रानी) |
2023 (G20)- आईटीसी मौर्या, ताज पैलेस, द ओबेरॉय, द लीला सहित कई लग्जरी होटलों का इस्तेमाल किया गया। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल आईटीसी मौर्या में और चीन के दिग्गज मेहमान ताज पैलेस में ठहरे थे।
2025- हाल ही में भारत दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति, व्लादिमीर पुतिन भी ITC Maurya के ग्रांड प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहर रहे हैं, जो 4,700 स्कवेयर फीट में बना है। इस होटल में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो बाइडन और बराक ओबामा भी ठहर चुके हैं।
खास अतिथि-
- 2010- दिमित्री मेदवेदेव (रूस) ताज पैलेस में ठहरे।
- 2014- भूटान के राजा और रानी, राष्ट्रपति भवन के बहाल किए गए गेस्ट विंग के पहले आधिकारिक अतिथि बने।
- 2015- बराक ओबामा (USA) अपने दौरे के दौरान आईटीसी मौर्या में ठहरे।
- 2020- डोनाल्ड ट्रंप (USA) भी आईटीसी मौर्या की ग्रैंड प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरे थे।
- 2025- व्हादिमीर पुतिन (रूस) आईटीसी मौर्या में ठहर रहे हैं।
यह साफ है कि जैसे-जैसे देश की अंतरराष्ट्रीय भूमिका बढ़ी है, राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति भवन और चुनिंदा लग्जरी होटलों का इस्तेमाल होता रहा है।
Source:
इस जानकारी परक समाचार को बनाने के लिए हमने राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट के अतिथि स्कंध सेक्शन के साथ, उल्लिखित होटल्स की वेबसाइट एवं दैनिक जागरण में प्रकाशित खबरों का संदर्भ लिया है। विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के भारत प्रवास के दौरान उनसे संबंधित प्रकाशित समाचारों का इसमे मुख्य योगदान है। दैनिक जागरण के साथ साथ हमने अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को भी बतौर संदर्भ उपयोग किया है।

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