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    क्यों अटल-आडवाणी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 शुरू होते ही याद किए जाने लगे?

    By Babul Deep Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 01:12 PM (IST)

    Bihar Assembly Election 2025: पारू विधानसभा से निर्दलीय नामांकन करने वाले अशोक सिंह ने भाजपा पर अटल-आडवाणी के मूल्यों से भटकने का आरोप लगाया। उन्होंने टिकट वितरण में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि चापलूसों को टिकट मिल रहा है। सिंह ने रालोमो उम्मीदवार मदन चौधरी के खिलाफ चुनाव लड़ने और जनता के फैसले पर भरोसा जताने की बात कही। उन्होंने पार्टी के एक बड़े नेता पर टिकट की खरीद-फरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाया।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar Assembly Election 2025: पारू विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने वाले अशोक सिंह ने कहा अब भाजपा में अटल-आडवाणी वाली बात नहीं रही।

    वह पारू से विधायक भी हैं, लेकिन इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। यह सीट रालोमो के खाते में चली गई और वहां से मदन चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया गया।

    शुक्रवार को नामांकन करने के बाद अशोक सिंह ने अपनी भड़ास मीडिया के सामने पार्टी पर और इससे जुड़े नेताओं पर निकाली। उन्होंने पार्टी से जुड़े एक बड़े नेता पर भी टिकट की खरीद-फरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाया।

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    कहा कि वह उनके आगे-पीछे करने वालों में से नहीं हैं, जो लोग ऐसा किए हैं। उन्हें टिकट नहीं मिला है। इसलिए अब वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। जनता की अदालत में इसका फैसला होगा। पारू की जनता ने पिछले चार बार से उन्हें आशीर्वाद दिया है।

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हो गई है। वहीं दूसरे चरण की चल रही है। नामांकन से पहले बिहार के दोनों प्रमुख गठबंधनों यानी एनडीए और महागठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर घटक दलों में जबरदस्त खींचतान देखने को मिला।

    इस बीच कई लोगों को पुराने दिन याद आने लगे। जिसमें सीटों के बंटवारे और दलों के बीच समझौते के वक्त एक-दूसरे की परिस्थितियों और सम्मान किया जाता था। विशेष कर पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के समय।

    यही वजह है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का काम अभी शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन राजनीति के इन दो महापुरुषों को लोग याद करते हैं। शुक्रवार को मुजफ्फरपुर में कुछ ऐसा ही दिखा।