Bihar Politics: मोदी के MY के आगे तेजस्वी के एमवाई की नहीं चली, मुजफ्फरपुर के रोचक चुनाव परिणाम
Bihar Election Results 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीति के नए प्रतिमान भी गढ़े गए हैं। एमवाई समीकरण भी उनमें से एक है। एमवाई यानी मुस्लिम और यादव राजद के परंपरागत वोटर माने जाते हैं। लालू यादव के शासनकाल से ही इन दोनों ने उन्हें सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाया। इस चुनाव में एनडीए की जो आंधी चली उसने इस समीकरण को भी बदल दिया। इस बार पीएम मोदी ने एमवाई को नए संदर्भ के साथ परिभाषित किया है।

Bihar Assembly Election Results 2025: यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
अमरेंद्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। Bihar Assembly Election Results 2025: विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद जहां एक ओर सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है वहीं दूुसरी ओर इसका विश्लेषण भी चल रहा है। अलग-अलग ढंग से तथ्यों को देखा और परखा जा रहा है।
नए संदर्भ देखे जा रहे हैं। ऐसे में एमवाई समीकरण को भी नए ढंग से परिभाषित किया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने एमवाई समीकरण की जो परिभाषा रखी उसके अनुसार एनडीए के लिए एम यानी महिला और वाई यानी युवा हैं।
गायघाट से निर्वाचित कोमल सिंह। फाइल फोटो
तीन महिला एक युवा
इसका असर मुजफ्फरपुर जिले में भी साफ दिख रहा है। जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के खाते से तीन महिला और एक युवा उम्मीदवार विजयी हुए हैं। औराई विधानसभा सीट से भाजपा की रमा निषाद, बोचहां से लोजपाआर की बेबी कुमारी, गायघाट से जदयू की कोमल सिंह और सकरा सीट से जदयू के ही आदित्य कुमार ने जीत दर्ज की है।
इनमें रमा निषाद, कोमल सिंह और आदित्य कुमार पहली बार निर्वाचित हुए हैं। जबकि बेबी कुमारी पहले भी विधायक रह चुकी हैं। उस समय वह निर्दलीय के रूप में निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची थीं।

औराई से निर्वाचित रमा निषाद। फाइल फोटो
मुजफ्फरपुर जिले में जदयू ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें गायघाट की कोमल सिंह और सकरा के आदित्य कुमार ऐसे हैं जो युवा हैं। हालांकि ये दोनों राजनीति की विरासत को आगे बढ़ाने का काम भी कर रहे हैं।
बोचाहं से निर्वाचित बेबी कुमारी । फाइल फोटो
तीन महिलाएं निर्वाचित
वहीं भाजपा की रमा निषाद और लोजपाआर की बेबी कुमारी ने भी जीत हासिल की है। ये दोनों महिला हैं। इस तरह से नए एमवाई के महिला और युवा का फार्मूला पूरा होता है। इतना ही नहीं यह पहला अवसर है जब जिले से तीन-तीन महिलाएं सदन पहुंच रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बदली परिभाषा
चुनाव में जीत के बाद नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2010 के बाद बिहार ने एनडीए को अपना सबसे मजबूत जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ दलों ने तुष्टीकरण आधारित एमवाई फार्मूला (मुस्लिम–यादव) को बढ़ावा दिया, लेकिन जनता ने इसे खारिज कर दिया। उनका इशारा तेजस्वी यादव की पार्टी राजद की ओर था।
सकरा से निर्वाचित आदित्य कुमार। फाइल फोटो
सकारात्मक एमवाई फार्मूला
उन्होंने कहा कि इस चुनाव ने एक नया और सकारात्मक एमवाई फार्मूला बनाया है। इसमें महिला और यूथ को आगे बढ़ाया है। बिहार देश के उन राज्यों में है जहां युवाओं की संख्या सर्वाधिक है। हर वर्ग, हर धर्म और हर जाति के युवाओं ने अपनी आकांक्षाओं और सपनों से पुराने सांप्रदायिक एमवाई फार्मूले को ध्वस्त कर दिया है। जिले में तीन महिलाएं और एक युवा इसी नए एमवाई माडल की मिसाल बनकर उभरे हैं।
अब राज्य की राजनीति जिलों से निकलकर पटना पहुंच गई है। वहां सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लोगों की रुचि इस बात को जानने में है कि क्या नई सरकार में भी इस एमवाई फार्मूले का अनुपालन किया जाएगा। उनको उसी रूप में प्रतिनिधित्व भी दिया जाएगा?

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