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    Bihar Assembly Elections 2025: नामांकन स्‍थल पहुंचकर दानापुर की पूर्व भाजपा विधायक ने मचाई खलबली

    By Vyas ChandraEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 17 Oct 2025 04:28 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, भाजपा की पूर्व विधायक के बागी होने की खबर से एनडीए में खलबली मच गई। चर्चा होने लगी कि पूर्व विधायक आशा सिन्‍हा जन सुराज पार्टी की टिकट पर मैदान में उतर रही हैं। कुछ देर बात पूरी स्‍थ‍िति‍ स्‍पष्‍ट हो गई।  

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    नामांकन स्‍थल पहुंची भाजपा की पूर्व विधायक आशा सिन्‍हा। जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना। दानापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की पूर्व विधायक आशा सिन्‍हा के नामांकन स्‍थल पहुंचने की खबर ने शुक्रवार को भाजपा खेमे में खलबली मचा दी। चर्चा थी क‍ि‍ जन सुराज पार्टी के प्रत्‍याशी के अचानक गायब होने पर उनकी जगह आशा सिन्‍हा नामांकन कर रही हैं। हालांकि, कुछ देर में पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया। पूर्व विधायक ने कहा क‍ि वे नामांकन करने नहीं, एनआर कटा चुके अपने बेटे को रोकने आई थीं। उसे समझाया कि ऐसी गलती नहीं करनी है। नेता से वादा किए थे, तो नामांकन कैसे करते। 

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    दानापुर से भाजपा ने रामकृपाल यादव को प्रत्‍याशी बनाया है। इसके बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा की पूर्व विधायक आशा सिन्‍हा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। हालांक‍ि मान-मनौव्‍वल के बाद उन्‍होंने अपनी दावेदारी छोड़ दी। उन्‍होंंने आश्‍वासन दिया था कि रामकृपाल के खिलाफ चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी। कहा था कि पार्टी ने जो आदर्श और अनुशासन मुझे सिखाया है, वही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। मैंने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी की नीति, विचार और जनता की सेवा के मिशन के साथ खड़ी हूं। मैं मैदान में नहीं, लेकिन हर कार्यकर्ता के साथ संघर्ष की हर पंक्ति में मौजूद रहूंगी। लेकिन अगले ही दिन नामांकन स्‍थल पर उनके पहुंचने से अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। कुछ देर बाद बाहर आने पर उन्‍होंने अपनी बातें सामने रखकर उनपर विराम लगा दिया। 

    आशा सिन्‍हा चार बार दानापुर का प्रतिनिधित्‍व कर चुकी हैं। उनके पत‍ि भाजपा नेता सत्‍यनारायण सिन्‍हा की 2003 में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। इसके बाद आशा सिन्‍हा 2005 में मैदान में उतरीं। इस वर्ष दोनों बार के चुनाव में उनकी जीत हुई थी। 2010 एवं 2015 के चुनाव में भी भाजपा ने उन्‍हें प्रत्‍याशी बनाया और दोनों बार वे विधायक चुनी गईं। 2020 के चुनाव में उनके पत‍ि के हत्‍यारोपित रीतलाल राय से उन्‍हें शिकस्‍त मिली। इस बार भी राजद ने रीतलाल को प्रत्‍याशी बनाया है।