Kahalgaon Election 2025: कहलगांव में बेस वोट में सेंधमारी... राह कठिन है अबकी बारी; पढ़ें दैनिक जागरण की Ground Report
Kahalgaon Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान में अब गिनती के दिन बचे हैं। भागलपुर जिले की कहलगांव सीट राज्य के उन गिने-चुने सीटों में शुमार है, जहां गली-चौबारे पर राजनीतिक चर्चा छिड़ते ही चार प्रत्याशियों में कड़ा मुकाबला होने की बात होने लगती है। महगठबंधन फ्रेंडली फाइट में फंसा है, तो एनडीए को उसके वर्तमान भाजपा विधायक पवन यादव (अब निष्कासित) से ही कड़ी चुनौती मिल रही है। कौन किसका कितना वोट काटेगा... इस आधार पर जीत-हार का गुणा-गणित लगाया जा रहा है।

Kahalgaon Election 2025: बिहार विधानसभा के दूसरे चरण में कहलगांव सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा।
शंकर दयाल मिश्रा, भागलपुर। Kahalgaon Election 2025 भागलपुर शहर से सटे जीच्छो गांव से ही कहलगांव विधानसभा क्षेत्र की सीमा शुरू होती है और कहलगांव शहर के अंतिम घर पर समाप्त हो जाती है। इस हिसाब से कहलगांव शहर अपने विधानसभा क्षेत्र के अंतिम छोर पर है पर अनुमंडल मुख्यालय होने के कारण चुनावी हवा यहीं से कस्बाई शहरों सन्हौला, सनोखर, गौराडीह और फिर ग्रामीण इलाकों का रुख करते हुए भागलपुर तक आती है। मोंथा चक्रवात मौसम में ठंड घोल रहा है पर चुनावी हवाएं इलाके का माहौल गर्म किए है।
यह राज्य के उन गिने-चुने सीटों में शुमार है जहां राजनीतिक चर्चा छिड़ते ही चार प्रत्याशियों के मुकाबले की बात होने लगती है। यहां महगठबंधन फैंडली फाइट में फंसा है तो एनडीए को उसके वर्तमान भाजपा विधायक (अब निष्कासित) से ही चुनौती मिल रही है। कौन कितने बेस वोट पर है और कौन किसका कितना वोट काटेगा... इस आधार पर जीत-हार का गुणा-गणित किया जाने लगता है।
गौराडीह चौक पर चाय-पान की दुकान पर मंडली जमी थी। सभी चुनावी चर्चा में ही मशगूल थे। मंडली को जैसे पता लगा कि मैं दैनिक जागरण अखबार से हूं, वहां मौजूद उमेश मंडल समीकरण समझाने लगते हैं। उमेश गौराडीह से करीब 20 किमी दूर एकचारी के रहने वाले हैं और बातचीत से पता चला कि वे किसी के प्रचार लिए ही यहां आए हैं। लेकिन खुद को निष्पक्ष विशेषज्ञ दर्शाते हुए कहते हैं- एनडीए से जदयू प्रत्याशी शुभानंद मुकेश के पिता सदानंद सिंह ने अपना वोटर बनाया था। उनका जातिगत वोट तो हमेशा साथ ही रहा है। यह उनका बेस वोट है। वे जिंदा थे तो हम कम से कम 40 हजार उनका निजी वोट मानते थे, पर अब नहीं है। तो इसे आप 25 हजार के करीब मान लीजिए। इसके अतिरिक्त एनडीए की ताकत, यानी...!

बिहार चुनाव 2025 : कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से इस बार चुनाव में भाग्य आजमा रहे जदयू, कांग्रेस, राजद और निर्दलीय उम्मीदवार।
तभी सन्हौला के रमेश कुशवाहा उनकी बातों को काटते हैं। महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण सिंह कुशवाहा इसी इलाके से हैं। जीच्छो, सरधो, माछीपुर, गौराडीह सहित इस आसपास के इलाके में उनका पारिवारिक प्रभाव भी है। जातीय आधार पर देखें तो ढाई-तीन दशक बाद किसी कुशवाहा को अपना देवता (जातीय प्रत्याशी) मिला है। राहुल गांधी की नीतियों के कारण मुस्लिम वोटर द्वंद्व में हैं... तो कितना उनका बेस वोट मानेंगे?
अभी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे विधायक पवन यादव 2015 में निर्दलीय चुनाव लड़े थे तो 26 हजार के करीब वोट आया था, पिछले चुनाव में बिहार में सबसे अधिक वोट लाकर जीते... तो इस बार कितना बेस वोट मानेंगे? पहली बार राजद का प्रत्याशी है और वह यादव समाज से ही है। यादव इस विधानसभा में दूसरी बड़ी आबादी (करीब 18 प्रतिशत) वाले वोटर हैं। राजद का उम्मीदवार यादव है, बांका ढाकामोड़ वाले संजय यादव (मंत्री, झारखंड सरकार) का बेटा है, मने कि यादव वोटरों के लिए वही लालू यादव है... तो उनका बेस वोट कितना मानेंगे?
माहौल बन चुका था। आदिल खान, किशोर सिंह, राकेश यादव, सुरेश यादव आदि भी अपने तर्क रखने लगे... जवाबी कव्वाली की तरह। तर्कों का लब्बोलुआब यह कि सभी के अपने बेस वोट हैं। इसमें सेंधमारी से ही विधानसभा की राह तय होगी। तभी गौराडीह के ही रहने वाले आशफाक कहते हैं कि जातीय नजरिए से देखिए तो यहां का पश्चिमी इलाका महागठबंधन का है। यहां यादव और मुस्लिम वोटरों की बहुलता है। पर महागठबंधन से राजद और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार मैदान में उतर गए हैं। अब मुस्लिम वोटरों का रुझान किस ओर जाता है यह बहुत कुछ तय करेगा।
यहां से जनसुराज ने भी मुस्लिम प्रत्याशी को उतारा है। तभी अन्य लोगों ने आशफाक को टोका कि वह खुद निर्दलीय प्रत्याशी विधायक पवन यादव के साथ दिखता है और क्या पवन यादव अपने जाति का वोट नहीं पाएंगे? उनके जाति के लोगों ने पिछली बार वोट नहीं किया होता तो क्या रिकार्ड वोट लाकर जीते होते? इसपर आशफाक ने बड़ी साफगोई से कह दिया कि इक्के-दुक्के मुस्लिम वोटर अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर वोट देंगे पर सच यही कि मास मुस्लिम वोट महागठबंधन के उस प्रत्याशी की ओर जाएगा जिसका बेस वोट अधिक दिखाई देगा।
महिलाओं की पसंद तो जगजाहिर है
सन्हौला में हटिया लगा था। यह कहलगांव विधानसभा क्षेत्र का प्रमुख कस्बाई शहर है। इसका प्रभाव सनोखर से गौराडीह तक में रहता है। सब्जी बेच रहीं भुरिया गांव की गीता देवी से बात होती है। वे कहती हैं कि यहां महिलाओं की पसंद जगजाहिर है। जीविका दीदी हर जगह हैं... हर गांव में हैं। अभी रोजगार के लिए दस हजार रुपये मिले। यह वर्ग जदयू के लिए संबल है। उनके लिए कौन प्रत्याशी इससे कोई मतलब नहीं, सिर्फ निशान पर ध्यान है। तभी एक अन्य सब्जी बेचने वाली बिंदिया देवी स्थानीय भाषा अंगिका में कहती हैं- हमरा त पैसा नय मिलले। हालांकि, वहीं सब्जी ले रहे पोठिया के उमाशंकर झा कहते हैं कि दस हजार लोन मिलल छै, गिफ्ट नै; सब्भे वसूली होतै... बाद म!

कहलगांव में चुनाव के दौरान राजनीतिक चर्चा में मशगूल ग्रामीण।
तुम मेरी तरफ है या उसकी तरफ...
कहलगांव के पार्क चौक के पास जदयू ने अपना मुख्य चुनावी कार्यालय खोल लिया है। कांग्रेस का मुख्य चुनावी कार्यालय बस स्टैंड के पास, निर्दलीय पवन यादव का चुनावी कार्यालय सत्कार चौक के पास खुला है, राजद ने स्टेशन चौक के पास। चुनावी कार्यालय गुलजार दिखे। चूंकि, महागठबंधन से दो दल चुनाव लड़ रहे और एनडीए का भी बागी मैदान में है सो कार्यकर्ता द्वंद्व में हैं। इस कारण यहां की चुनावी फिजां में फिल्म दूल्हे राजा का वह मशहूर कामेडी सीक्वेंस भी नजर आया जिसमें कादर खान अपने फाइव स्टार के आहते में सामने गोविंदा के ढाबा में मैनेजर जानी लीवर को खाना खाते पकड़ लेता है और पूछता तुम मेरी तरफ है या उसकी तरफ...! जानी लीवर कहता है- मैं तो आपकी तरफ हूं पर उसकी उंगली गोविंदा की तरफ इशारा कर रही होती है!
कहलगांव विधानसभा में तीन लाख 42 हजार वोटर
- कुल मतदाता- 342804
- महिला- 164358
- पुरुष- 178432
- मंगलामुखी- 14
- दिव्यांग- 3923
- 80 वर्ष से ऊपर- 4127
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के रिजल्ट पर एक नजर
- पवन कुमार यादव, बीजेपी, 115538 वोट
- शुभानंद मुकेश, कांग्रेस, 72645 वोट
- बिजय कुमार यादव, निर्दलीय, 3107 वोट
- अनुज कुमार मंडल, एनसीपी, 2105 वोट
(कुल 14 उम्मीदवार थे। शेष तीन हजार और बांका सैकड़ा में सिमट गए थे)

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