बॉलीवुड में देखी बेशुमार शोहरत, किस्मत ने दिया धोखा तो सड़क से उठाया झूठा खाना, पहली आइटम गर्ल की दर्दभरी कहानी
बॉलीवुड में जितनी ग्लैमरस कहानियां मौजूद हैं उतनी ही दर्दनाक कहानियां भी हैं जो हैरान कर देती है। आज हम एक ऐसी ही सिंगर के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसने बॉलीवुड में खूब शोहरत देखी लेकिन जब वक्त पलटा तो उन्हें सड़कों से खाना तक उठाना पड़ा।

बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल थी कुक्कू मोरे
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जब लोग हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर हेलेन जैसे नाम दिमाग में आते हैं, एक ऐसी एक्ट्रेस जिसने दिल जीता और कई लोगों को डांस करने के लिए प्रेरित किया। लेकिन आज हेलेन भले ही जानी-मानी हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका एक मेंटर था जिसने उनकी जिंदगी में बहुत अहम भूमिका निभाई। वह महिला थीं कुक्कू मोरे, जो 1940 और 1950 के दशक में बॉलीवुड में अपने कैबरे और क्लब परफॉर्मेंस के लिए मशहूर एक मशहूर डांसर थीं। कुक्कू ने न सिर्फ हेलेन को फिल्मों से मिलवाया, बल्कि उनके साथ एक करीबी रिश्ता भी निभाया। हालांकि अपने आखिरी दिनों में, कुक्कू को उन लोगों ने छोड़ दिया जिनकी उन्होंने जिंदगी भर परवाह की और वह बेसहारा हो गईं।
कुक्कू ने इंडस्ट्री में बनाई अपनी पहचान
कुक्कू मोरे का जन्म 1928 में भारत में ब्रिटिश राज के दौरान एक एंग्लो-इंडियन परिवार में हुआ था। छोटी उम्र से ही उन्हें डांस करना पसंद था और वह एक टॉप परफॉर्मर बनने का सपना देखती थीं। 1944 तक, बॉम्बे टॉकीज पहले से ही एक जाना-माना स्टूडियो बन चुका था, जिसमें देविका रानी और शोभना समर्थ जैसी एक्ट्रेस अपनी पहचान बना रही थीं। लेकिन ग्लैमर की कमी अभी भी थी और कुकू ने अपने खास वेस्टर्न लुक और स्टाइल से उस कमी को पूरा किया। उन्हें कम उम्र में, सिर्फ सोलह साल की उम्र में मशहूर एक्टर मोतीलाल के साथ फिल्म मुजरिम से ब्रेक मिला। कुक्कू ने अपने डांस परफॉर्मेंस से जबरदस्त इंप्रेशन बनाया, जिससे उन्हें और भी कई ऑफर मिले। जल्द ही, कैबरे डांस हिंदी फिल्मों का एक अहम हिस्सा बन गया, और कुक्कू को कैबरे और क्लासिकल इंडियन डांस फॉर्म दोनों में उनके हुनर के लिए सराहा गया। वह रबर गर्ल के नाम से मशहूर हुई थी।

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एक-एक पैसे के लिए तरस गई थी कुक्कू
कुक्कू का करियर और पर्सनल लाइफ जितनी रंगीन और ग्लैमर से भरी रही उनकी मौत उतनी ही बदतर रही। जिंदगी के आखिरी दिनों में उन्हें कैंसर हो गया था और उनके पास ना पैसे थे और ना ही लोग। एक्ट्रेस तबस्सुम ने अपने शो तबस्सुम टॉकीज में कुक्कू के बारे में बताया था कि कुक्कू अपनी इस हालत का जिम्मेदार वह खुद हैं। उन्होंने कहा था कि जब मेरे पास बहुत ज्यादा पैसा और शोहरत थी तो मैंने उसकी कद्र नहीं की। ये उसका ही नतीजा था कि में पैसों के लिए मोहताज हो गई।
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सड़कों से उठाया खाना, मिली दर्दनाक मौत
मैंने बहुत खाना वेस्ट किया है इसीलिए ऊपर वाले ने मुझे एक-एक दाने को मोहताज हो गई। तबस्सुम ने बताया कि कुक्कू सब्जी मार्केट में जो सब्जी वाले जो डंठल और कचरा फेंक देते थे वे उन्हें ही उठाकर ले जाती थी और उन्हें ही पकाती थी। आखिरकार 30 सितंबर 1981 को उनकी मौत हो गई और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी कला से सराहना बटोरने वाली कुक्कू मोरे को अंतिम विदाई देने फिल्म इंडस्ट्री से कोई नहीं आया।

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