...जिस मिथुन की एक्टिंग पर डायरेक्टर उठाते थे सवाल, उसने पहली ही फिल्म में जीत लिया National Award
मिथुन चक्रवर्ती का नाम 80 के दशक के उन बॉलीवुड एक्टर्स में शामिल है जिन्होंने बड़े- बड़े सुपरस्टार्स को टक्कर दी। एक समय था जब अमिताभ बच्चन की चमक भी उनके आगे फीकी पड़ने लगी थी। मिथुन को उनकी पहली ही फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था। वहीं एक ऐसा समय भी थआ जब मिथुन डायरेक्टर्स के पास काम मांगने जाते थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। मिथुन चक्रवर्ती को बॉलीवुड के पहले डांसिग स्टार के तौर पर भी जाना जाता है। मिथुन चक्रवर्ती हर वर्ग के लोगों की पसंदीदा लिस्ट में शामिल हैं। किसी के लिए दादा के तौर पर वो उसके डिस्को डांसर हैं तो कोई उनकी एक्टिंग का कायल हो चला। 80 के दशक से लेकर आज तक उनकी ये चमक फीकी नहीं पड़ी।
उन्होंने बड़े बड़े सपरस्टार की भीड़ में अपनी एक अलग पहचान बनाई। मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को कोलकाता में हुआ था। मिथुन ने मुख्य रूप से बंगाली सिनेमा और हिंदी सिनेमा में काम किया है। 48 साल से अधिक के करियर में उन्होंने बंगाली,हिंदी ,तमिल,तेलुगु ,कन्नड़ ,ओडिया और भोजपुरी भाषाओं की लगभग 300 से अधिक फिल्मों में काम किया।
देश नहीं विदेश में भी बनाई पहचान
80 के दशक में मिथुन चक्रवर्ती लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। साल 1982 में आई उनकी फिल्म डिस्को डांसर से उन्हें सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली। फिल्म और इसके गाने को यहां से ज्यादा रशियन कंट्रीज में पसंद किया गया। रूस जो उस वक्त सोवियत संघ के नाम से जाना जाता था,वहां फिल्म ने ताबड़तोड़ कमाई की थी। आज जानेंगे एक्टर्स की बेस्ट फिल्में और उन्हें मिले अवॉर्ड्स के बारे में।
मृगया
मिथुन चक्रवर्ती ने अपने अभिनय की शुरुआत मृणाल सेन द्वारा निर्देशित आर्ट हाउस ड्रामा मृगया (1976)से की। उन्होंने इस फिल्म में घिनुआ नामक एक शिकारी की भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। ये फिल्म हिंदी और बंगाली भाषा में रिलीज हुई थी।
तहादेर कथा
इसके बाद उन्हें 1993 में फिल्म ताहादर कथा के लिए दूसरा नेशनल अवॉर्ड मिला। बुद्धदेव दासगुप्ता के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती ने एक फ्रीडम फाइटर की भूमिका निभाई है। ये फिल्म बंगाली में रिलीज हुई थी और इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था।
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स्वामी विवेकानंद
ये फिल्म 12 जून 1998 में रिलीज हुई थी। स्वामी विवेकानंद के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर इन स्पोर्टिंग रोल का अवॉर्ड मिला। इस फिल्म में वो एक हिंदू मोंक के किरदार में नजर आए थे। ये फिल्म हिंदी और अंग्रेजी भाषा में रिलीज हुई थी। फिल्म किन्हीं कारणों से सिनेमाघरों में रिलीज ही नहीं हो सकी। इसका प्रीमियर राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर किया गया था।
अग्निपथ
साल 1991 में उन्हें बॉलीवुड फिल्म 'अग्निपथ' में कृष्णा अय्यर नारियल पानीवाला के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्म फेयर अवार्ड मिला था। इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के साथ अमिताभ बच्चन,माधवी, नीलम और डैनी डेन्जोंगपा जैसे एक्टर्स नजर आए। इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन की आलोचना हुई लेकिन मिथुन के रोल को क्रिटिक्स ने सराहा।
1995 में जल्लाद बेस्ट विलेन
कम बजट में बनी फिल्म जल्लाद ने बॉक्स ऑफिस पर 6.61 करोड़ रुपयों की कमाई कर सबको चौंका दिया था। मिथुन ने इस फिल्म में विलेन का किरदार निभाया था और इसी खतरनाक रोल के चलते उनके हिस्से में ये अवॉर्ड आया। साल 1996 में बेस्ट नेगेटिव रोल के लिए मिथुन चक्रवर्ती को फिल्मफेयर अवार्ड मिला।
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