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    'अपने काम से मतलब रखते...', Shah Rukh Khan को जैकी श्रॉफ ने बताया तेज-तर्रार बिजनेसमैन, याद किए 'देवदास' के दिन

    By priyanka singhEdited By: Rinki Tiwari
    Updated: Sat, 01 Nov 2025 11:06 AM (IST)

    अभिनेता जैकी श्रॉफ ने शाह रुख खान के साथ कई फिल्मों में साथ काम किया है। वह उनकी आगामी फिल्म किंग का भी हिस्सा हैं। हाल ही में जैकी ने शाह रुख संग काम करने का अनुभव शेयर किया है और देवदास का किस्सा बताया है। 

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    जैकी श्रॉफ ने शाह रुख खान को बताया तेज तर्रार बिजनेसमैन। फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम

    प्रियंका सिंह, मुंबई। क्या कहा, शाह रुख 60 साल के हो रहे हैं? मुझे तो अब भी 16 साल के लगते हैं...। शाह रुख के साठवें जन्मतिथि पर उनके साथ किंग अंकल, त्रिमूर्ति, देवदास, वन 2 का 4, हैप्पी न्यू ईयर और अब किंग फिल्म कर रहे अभिनेता जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) यह बात कहते है। शाह रुख के साथ किंग अंकल फिल्म से शुरू हुआ उनका साथ अब किंग फिल्म (King Movie) तक जारी है।

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    जैकी श्रॉफ के साथ कैसा बर्ताव करते हैं शाह रुख?

    जैकी श्रॉफ कहते हैं कि पहली फिल्म से लेकर अब तक शाह रुख में कुछ नहीं बदला है। उनसे पहली मुलाकात किंग अंकल फिल्म के सेट पर ही हुई थी। फिल्म में वह मेरे छोटे भाई बने थे। उस रिश्ते को वह आज भी निभा रहे हैं। किंग के सेट पर जब जाता हूं, तो आज भी पहले की तरह मेरे हाथों को चूमते हैं। बड़े भाई जैसी ही सम्मान देते हैं, जैसे किंग अकंल के सेट पर दिया करते थे, तब तो वह बिल्कुल नए थे।

    Jackie Shroff

    Photo Credit - X

    सेट पर एक कोने में बैठे रहते थे शाह रुख

    जैकी श्रॉफ ने आगे कहा, "मुझे आज भी याद है, वह चुपचाप आकर एक कोने में बैठते थे। बातें कम करते थे और अपने काम पर पूरा ध्यान होता था, बेकार की चीजों में वह नहीं पड़ते थे। वह आज एक मुकाम पर हैं, क्योंकि प्रसिद्धि के बावजूद वह अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं। यही चीज उनके बारे में है, जो मुझे बहुत पसंद है। वह पढ़े-लिखे हैं, उन्होंने कॉमर्स में मास्टर्स किया है। मेरी किस्मत में उनकी तरह अभ्यास करना नहीं था, लेकिन उन्होंने पढ़ाई की, इसलिए उनसे काफी कुछ सीखने जैसा है।"

    तेज तर्रार बिजनेसमैन हैं शाह रुख

    उन्होंने कहा, "किंग अंकल के बाद किंग फिल्म से फिर जुड़ा हूं। आज भी वह अपने काम से मतलब रखते हैं। जितने लोग सेट पर होते हैं, उनकी जरूरतों का ध्यान देते हैं। लोग उन्हें बादशाह कहते हैं, इस किस्म का बर्ताव ही उन्हें राजा बनाता है। लोग उनसे प्यार करते हैं, क्योंकि वह सबकी इज्जत करते हैं। उनकी आमदनी बहुत बड़ी है, लेकिन इस बात ने उन्हें बड़ा नहीं बनाया है। उनकी कला और कामर्स की समझ ने उन्हें बड़ा बनाया है। वह जितने कमाल के कलाकार हैं, उतने ही तेज-तर्रार बिजनेसमैन भी हैं। वह सबसे सही व्यक्ति हैं, जो बादशाह टाइटल के हकदार हैं।"

    यंग सितारों को शाह रुख से सीखनी चाहिए ये बात

    आगे जैकी कहते हैं कि पर्दे पर दिखने वाला हर कलाकार स्टार है, कोई पहले नंबर का, कोई दूसरे तो कोई तीसरे नंबर का। हर किसी का अपना अंदाज है। लेकिन सुपरस्टार वो है, जो एक मुकाम पर पहुंचने के बाद अपना बर्ताव पहले जैसा रखे। आज के कलाकारों को शाह रुख से यह सीखना चाहिए। वह आर्टिस्ट हैं, तो उनमें आर्ट तो हैं, लेकिन साथ ही कमर्शियल समझ भी है। यह बात आज के लोगों को उनसे सीखनी चाहिए।

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    Shah Rukh Jackie Shroff

    कई लोगों को उनके माता-पिता संभाल लेते हैं, घर का बड़ा संभाल लेता है, लेकिन शाह रुख ने खुद को अकेले संभाला है। वह सब कुछ खुद करते हैं, हर काम में उनका ध्यान होता है। भले ही उनके पास अच्छे खासे पेशेवर लोग होंगे, लेकिन फिर भी हर काम में उनका पर्सनल टच होता है। कला और कॉमर्स कैसे साथ-साथ चलती है यह दूसरे आर्टिस्ट को उनसे सीखना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि वह खुद कभी नहीं कहते हैं कि मैं सुपरस्टार हूं। यह उनका अंदाज है ही नहीं।

    देवदास का ये सीन जैकी श्रॉफ का फेवरेट

    शाह रुख के साथ सबसे यादगार परफॉर्मेंस जैकी के लिए देवदास फिल्म में रही है। शाह रुख देवदास की भूमिका में थे और जैकी उनके दोस्त चुन्नीलाल की भूमिका में। जैकी कहते हैं कि मेरा एक सीन शाह रुख के साथ था, जिसमें वह मेरे सामने रोते हैं। वह मेरा सबसे पसंदीदा और यादगार सीन उनके साथ रहा है। द से दिल, द से दर्द वाले उस सीन को अगर देखेंगे, तो उसमें वह रोते हैं और मैं उनके आंसू को जमीन पर गिरने से पहले अपने हाथों में थामकर फेंक देता हूं। वह आइकॉनिक सीन था।

    एक शॉट में सीन हुआ था शूट

    कमाल की बात है कि हमने उस सीन को करने से पहले आपस में कुछ भी बातचीत नहीं की थी। वह सीन एक शॉट में ओके हो गया था, जबकि ऐसा तय नहीं था कि आंसू को मैं अपने हाथ में लेकर फेंक दूंगा। मैंने उनकी आंखों में देखा, आंसू गिरने वाला था, मैंने उसी वक्त तय किया कि इसे हाथों में थामकर फेंकना है। वह विचार अचानक से आया था, इसलिए भी वह सीन जेहन में रह गया।

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