9-5 नौकरी करने वालों पर पर काजोल ने कहा था कुछ ऐसा, अब देनी पड़ी सफाई!
काजोल का मानना है कि अभिनेता 9-5 की नौकरी करने वालों की तुलना में ज्यादा मेहनत करते हैं, क्योंकि वे एक समय में आराम कर सकते हैं, चल सकते हैं, बात कर सकते हैं और अपना काम कर सकते हैं लेकिन अभिनेता को हर समय 100% उपस्थित रहना पड़ता है।
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काजोल ने 9-5 कॉर्पोरेट जॉब के बारे में कही ये बात
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। काजोल ने अपने टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल में हाल ही में कॉर्पोरेट जॉब और एक्टर्स के बीच तुलना कर दी। एक्ट्रेस का मानना है कि 9-5 जॉब करने वालों से ज्यादा मेहनत का काम एक्टर्स करते हैं। आइए जानते हैं काजोल ने आखिर ऐसा क्यों कहा?
वरुण-आलिया नहीं हुए सहमत
प्राइम वीडियो इंडिया पर अपने सेलिब्रिटी चैट शो टू मच के दूसरे एपिसोड में होस्ट काजोल ने कहा कि अभिनेता उन लोगों से ज्यादा मेहनत करते हैं जो 9-5 की नौकरी करते हैं। हालांकि उस एपिसोड में बाकी सभी लोग होस्ट ट्विंकल खन्ना, गेस्ट वरुण धवन और आलिया भट्ट ने इस बात के इनकार किया लेकिन काजोल अपनी बात पर अड़ी रही।
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एक्टर्स को पूरे वक्त एक्टिव रहना पड़ता है- काजोल
काजोल ने कहा, 'यह एक बहुत ही एक्टिव काम है। अगर आप वहां हैं, तो आपको अपना 100% देना होगा। हां, हो सकता है कि कुछ अभिनेता हर समय अपना 100% देते हों। लेकिन मेरे लिए, खासकर जब मैं लगातार एक फिल्म की शूटिंग कर रही होती हूं। काजोल ने जियोहॉटस्टार के लीगल ड्रामा द ट्रायल के दूसरे सीजन के सेट पर अपनी हालिया शूटिंग का ज़िक्र करते हुए कहा, जिसके लिए उन्होंने लगातार 35-40 दिनों तक शूटिंग की।
उन्होंने बताया, 'ये 35-40 दिन सुबह जल्दी उठने वाले दिन थे। आपको एक्सरसाइज भी करनी होती है। आपका खाना ऑर्डर पर होना चाहिए, बिल्कुल! आपको पता है कि आप कहीं एक इंच भी वजन नहीं बढ़ा सकते क्योंकि आपके कपड़े अब आपको फिट नहीं होंगे। वैसे, ये बहुत बड़ा दबाव होता है। ये वाकई बहुत बड़ा है और ये पूरा प्रोग्राम चलता ही रहता है'।
उन्होंने तर्क दिया कि एक एक्टर, जब फिल्मों या शो में अभिनय नहीं कर रहा होता है, तब भी इवेंट में शामिल होता है। दिन में 12-14 घंटे पूरी तरह से एक्टिव रहना वाकई मुश्किल है। जब आप 9 से 5 की नौकरी करते हैं और डेस्क पर बैठे रहते हैं, तो आपको पूरी तरह से उपस्थित रहने की जरूरत नहीं है। आप चाय ब्रेक ले सकते हैं। मैं यह नहीं कह रही कि हम चाय या कॉफी ब्रेक नहीं लेते। लेकिन आप आराम कर सकते हैं, खुलकर खेल सकते हैं, टहल सकते हैं, बातें कर सकते हैं और साथ ही अपना काम भी कर सकते हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते'।
खुद को सुंदर नहीं मानती थीं एक्ट्रेस
काजोल और उनकी समकालीन अभिनेत्रियों के बीच एक और अंतर यह था कि 1990 के दशक की शुरुआत में, जब उन्होंने 16 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री ली। तब वह काली और मोटी थीं। अभिनेत्री ने कहा, 'समाज उन लोगों के प्रति ज्यादा दयालु नहीं है जो सांवले हैं। मैं फिल्म इंडस्ट्री में आई जहां गोरे और पतले लोग भरे पड़े हैं'।
काजोल ने कहा, 'मेरे आस-पास बहुत से दयालु लोग थे। सब मुझे प्यार करते थे। लेकिन हां मेरे दिमाग में यह बात बैठ गई थी कि मैं आकर्षक, बुद्धिमान और कूल तो हूं, लेकिन शायद पूरी तरह से सुंदर नहीं हूं। मुझे इस बात का एहसास होने में थोड़ा समय लगा। ये वो विचार हैं जो हमारे दिमाग में होते हैं कि हम कौन हैं। दुनिया हमें जिस रूप में देखती है, वह बहुत अलग है। दुनिया ने मुझे दिखाया कि मैं सुंदर हूं। लेकिन मुझे इस पर यकीन नहीं हुआ। जब तक मुझे यकीन नहीं हुआ, मुझे नहीं लगता कि मैंने तारीफें सुनीं। क्योंकि मैं सुन ही नहीं रही थी'।
काजोल ने याद किया कि बेटी न्यासा देवगन की मां बनने के बाद उन्हें खुद को खूबसूरत महसूस होने लगा था। काजोल ने आगे कहा, 'एक दिन मैंने अचानक आईने में देखा और कहा, 'वाह! यार! आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो! क्या हुआ?' उसने आज मेरे लिए सब कुछ बदल दिया। वह कहती, 'मां, आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो'। काजोल ने कहा कि उनकी बेटी उन्हें सुंदर होने का अहसास दिलाती है ।
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