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    इस खतरनाक बीमारी से जूझ रही हैं Satish Shah की पत्नी मधु, उनकी देखभाल के लिए ही करवाया था किडनी ट्रांसप्लांट

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 02:59 PM (IST)

    एक्टर असरानी के निधन से इंडस्ट्री अभी उभर नहीं पाई थी कि कुछ दिन बाद ही सतीश शाह (Satish Shah) के निधन की खबर आ गई। दोनों बॉलीवुड के पॉपुलर कॉमेडी एक्टर थे। सतीश का 25 अक्टूबर को किडनी की बीमारी के चलते निधन हुआ। उनकी पत्नी भी एक गंभीर बीमारी से पीडित हैं।

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    अपनी पत्नी मधु के साथ सतीश कौशिक (फोटो-इंस्टाग्राम)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 'साराभाई वर्सेस साराभाई सीरियल' और 'मैं हूं ना'जैसी फिल्मों में अपने रोल के लिए जाने जाने वाले सतीश कौशिक का 25 अक्टूबर को निधन हो गया। अभिनेता 74 साल के थे। किडनी फेल होने की वजह से उनका निधन हो गया।

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    किस बीमारी से पीडित थीं मधु

    एक्टर सचिन पिलगांवकर ने बताया कि सतीश कौशिक ने अपनी बीमार पत्नी को सहारा देने के लिए हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट करवाया था लेकिन अफसोस कि आज वो ही इस दुनिया में नहीं हैं। बता दें कि एक्टर की पत्नी मधु शाह भी एक बीमारी से पीड़ित हैं। मधु को अल्ज़ाइमर की बीमारी है। अल्जाइमर में इंसान धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। धीरे-धीरे रोजमर्रा के काम करना भी उसके लिए मुश्किल हो जाता है।

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    न्यूज 18 से बात करते हुए सचिन पिलगांवकर ने बताया, "दुर्भाग्य से, मधु भी ठीक नहीं हैं। उन्हें अल्ज़ाइमर है। इसी साल सतीश का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। वह अपनी आगे की जिंदगी जीना चाहते थे ताकि मधु की देखभाल कर सकें। वह डायलिसिस पर थे। इससे पहले उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी, जो सफल रही थी।"

    Satish

    पत्नी से था बेहद लगाव

    उन्होंने आगे कहा कि मधु के प्रति सतीश का अटूट समर्थन और स्नेह उनके अंतिम दिनों की पहचान था। खुद गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, वह लंबे समय तक जीने के लिए जीना चाहते थे। अपने लिए नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनकी पत्नी को आवश्यक देखभाल मिले।

    क्या होती है अल्जाइमर की बीमारी?

    चिकित्सा रिपोर्टों के अनुसार,अल्ज़ाइमर रोग एक तरीके का ब्रेन डिसऑर्डर है जिसमें धीरे-धीरे इंसान की मेमोरी और सोचने समझने की शक्ति नष्ट होती चली जाती है। यह डिमेंशिया का आम कारण है। अल्ज़ाइमर संगठन के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 60-80 प्रतिशत लोगों में डिमेंशिया इसी कारण होता है। यह रोग आमतौर पर 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को प्रभावित करता है और समय के साथ बिगड़ता जाता है।

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