मुस्लिम धर्म अपनाया, 6 बच्चों की जिम्मेदारी, पहली पत्नी का सम्मान... सीख देती है धर्मेंद्र-हेमा की प्रेमकहानी
धर्मेंद्र-हेमा मालिनी (Hema Malini) की कहानी बेहद खास रही है, जिसने हमें यह सिखाया है कि अगर प्यार हो तो हर मुश्किल आसान हो ही जाती है। दोनों ने कैसे तमाम मुश्किलों के बावजूद प्यार किया और हम सबको एक ऐसी कहानी दी जो हमेशा याद रहेगी। आइए आज हम आपको उसी कहानी के कुछ पहलुओं से रूबरू कराते हैं...

हर बंदिश को तोड़कर जब एक हुए हेमा-धर्मेंद्र
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली. बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र (Dharmendra) आखिरकार अस्पताल से अपने घर आ गए हैं और पूरा देश और उनके चाहने वाले धर्मेंद्र के लिए अभी भी दुआएं कर रहे हैं। दुआएं रंग भी लाईं और धर्मेंद्र अब धीरे-धीरे स्वस्थ भी हो रहे हैं। धर्मेंद्र ने अपने करियर में यादगार फिल्में दी हैं। शायद यही वजह है कि हम और आप उनसे इतना जुड़ाव महसूस करते हैं। यूं तो कई अभिनेता और कलाकार हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो बस दिल में बसते हैं और धर्मेंद्र उन्हीं में से हैं। जिनकी सादगी, जिनका देसी अंदाज बस लोगों को भा ही जाता है। धर्मेंद्र ने कभी कुछ छुपाया नहीं है, उनके बच्चे, उनका परिवार और उनकी फिल्मी कहानियां सब सामने रही हैं और इन्हीं में से एक है उनकी और ड्रीम गर्ल की कहानी यानि धर्मेंद्र-हेमा मालिनी (Hema Malini) की कहानी, जिसने हमें ये सिखाया है कि अगर प्यार हो तो हर मुश्किल आसान हो ही जाती है। दोनों ने कैसे तमाम मुश्किलों के बावजूद प्यार किया और हम सबको एक ऐसी कहानी दी जो हमेशा याद रहेगी। आइए आज हम आपको उसी कहानी के कुछ पहलुओं से रूबरू कराते हैं...
हेमा के लिए जब धड़का धर्मेंद्र का दिल
कहने को तो धर्मेंद्र ने पहली शादी प्रकाश कौर (Prakash Kaur) से की थी, लेकिन धर्मेंद्र की लाइफ में जब हेमा आईं तो सब बदल सा गया। हेमा और धर्मेंद्र ने तुम हसीन मैं जवां, सीता और गीता, शोले, जुगनू और ड्रीम गर्ल जैसी फिल्मों में कई सालों तक साथ काम करने के बाद, साल 1980 में शादी कर ली। लेकिन ये शादी और ये प्रेमकहानी इतनी भी आसान नहीं थीं। अड़चने आईं, मुश्किलों का पहरा हुआ, बंदिशें लगीं और तो और विश्वास भी कई बार टूटा, लेकिन प्यार में कुछ भी करने वाले धर्मेंद्र को पता था कि उनकी मंजिल अब हेमा ही हैं। धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की पहली मुलाकात 1968 में फिल्म "तुम हसीन मैं जवां" के सेट पर हुई थी। उस समय, धर्मेंद्र पहले से ही प्रकाश कौर के साथ शादी कर चुके थे और चार बच्चों- सनी, बॉबी, विजेता और अजीता के पिता थे।
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बंदिशों के बाद भी हेमा के साथ थे धर्मेंद्र
धर्मेंद्र को पता था कि वो पहले से शादीशुदा हैं, उनके बच्चे हैं और तो और उन्हें शायद धार्मिक और समाजिक तौर पर दोबारा शादी और प्यार करने की इजाजत नहीं है, लेकिन धर्मेंद्र ने सिर्फ अपने दिल की सुनी और प्यार करने का जोखिम भी उठा लिया। जब हेमा से धर्मेंद्र को प्यार हुआ तो दोनों ने शादी की बात की। हेमा मालिनी दूसरी शादी के लिए राजी थीं, लेकिन धर्मेंद्र अपनी पहली पत्नी को तलाक नहीं देना चाहते थे। यह सबसे बड़ी दुविधा थी और धर्मेंद्र चाहते थे कि उनकी दोनों पत्नियां रहें। ऐसे में धर्मेंद्र ने एक ऐसा फैसला किया जिसने हर किसी को चौंका दिया था।
हेमा के लिए मुस्लिम बन गए थे धर्मेंद्र
धर्मेंद्र और हेमा की प्रेमकहानी जब सामने आई लोगों ने सवाल करने शुरू कर दिए। लोगों के ताने भी धर्मेंद्र को परेशान कर रहे थे, इस दौरान हेमा का विश्वास भी धर्मेंद्र के थोड़ा डगमगा रहा था लेकिन धर्मेंद्र ने हेमा को एक धागे में पिरोने की कोशिश लगातार की। वो हेमा पर हार मानने के लिए तैयार नहीं थे। आखिरकार हेमा से शादी के लिए धर्मेंद्र ने एक नया रास्ता अपना अपनाया।
हेमा से शादी के लिए धर्मेंद्र ने कानूनी रूप से इस्लाम धर्म अपनाया, जिससे वो उनसे शादी कर सके। 1979 में उन्होंने हेमा मालिनी से निकाह किया, लेकिन पहली पत्नी प्रकाश कौर से उनका रिश्ता बरकरार रहा। कहा जाता है कि ये शादी तभी संभव हो पाई जब प्रकाश कौर ने एक शर्त रखी और शर्त ये थी कि धर्मेंद्र से उनका तलाक नहीं होगा और ना उनकी जिम्मेदारियां कम होंगी और उनके बच्चों का ख्याल वैसे ही रखेंगे।
हेमा मालिनी ने भी निभाया अपना फर्ज
धर्मेंद्र की जब हेमा से शादी हो गई तो उन्होंने कभी धर्मेंद्र को रोका नहीं कि वो पहली पत्नी के साथ रिश्ता ना रखें। हेमा मालिनी ने हमेशा धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर का सम्मान किया। इसके साथ ही वो धर्मेंद्र के पुराने बंगले से दूरी रहीं और कभी वहां कदम नहीं रखा। हेमा मालिनी ने अपनी जीवनी में लिखा है कि उन्होंने शादी के बाद पति के पुराने घर में कभी कदम नहीं रखा। परिस्थितियां मुश्किल जरूर रहीं, लेकिन हेमा ने खुद बताया कि धर्मेंद्र ने उनकी बेटियों के लिए एक पिता और उनके लिए एक पति का धर्म निभाया है और इससे ज्यादा उन्हें भला किसी और चीज की क्या जरूरत थी।
मुस्लिम धर्म अपनाया, पहली पत्नी की शर्तें भी मानीं और हर रिश्ते को निभाने की जिम्मेदारी उठाई...ये इसी की निशानी है जब आप मुश्किल वक्त में भी रिश्तों और प्यार को ज्यादा अहमियत दें। धर्मेंद्र ने भी वही किया था। उन्होंने अपनी पहली पत्नी और बच्चों के साथ संबंध बनाए रखा, लेकिन शादी के रूप में उनका मुख्य रिश्ता हेमा मालिनी के साथ था। इस फैसले ने उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव और कठिनाई लाई, लेकिन उन्होंने अपने प्यार को कभी छोड़ा नहीं।
धर्मेंद्र और हेमा की कहानी यह दिखाती है कि सच्चा प्यार कभी आसान नहीं होता, लेकिन वो हमेशा यादगार जरूर बन जाता है। यही वजह है कि हाल ही में जब धर्मेंद्र बीमार हुए तो पूरा परिवार एकजुट हो गया। धर्मेंद्र की दोनो पत्नियां, उनके बच्चे सब एक साथ थे। ये परिवार और प्यार की ताकत का एक प्रतीक है, जो शायद आने वाली पीढ़ियां जरूर याद रखेंगी।

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