Chhath 2025: शारदा सिन्हा बिन सूना छठ का त्योहार, आखिरी गीत गाकर अमर हो गईं 'बिहार कोकिला'!
स्था का महापर्व छठ (Chhath Pooja 2025) इस वक्त पूरे देश में मनाया जा रहा है। हर तरफ छठ के गाने बज रहे हैं। वहीं व्रती महिलाएं भी छठ के गीत (Chhath Songs) गा रही हैं, घाटों पर अलग ही रौनक है और छठी मैया की भक्ति में सभी लीन हैं। वहीं छठ पर बजने वाले गीतों में हमेशा से ही बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का नाम सबसे ऊपर रहता है। लेकिन इस बार लोगों के दिल में उदासी है क्योंकि छठ के इस पावन पर्व पर इस बार शारदा सिन्हा हमारे बीच में नहीं है।
-1761568026322.webp)
महापर्व छठ पर लोगों को याद आईं बिहार कोकिला
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली. आस्था का महापर्व छठ इस वक्त पूरे देश में मनाया जा रहा है। हर तरफ छठ पर्व की धूम देखने को मिल रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों से दिल छू जाने वाली तस्वीरें आ रही हैं। हर तरफ छठ के गाने बज रहे हैं। वहीं व्रती महिलाएं भी छठ के गीत (Chhath Songs) गा रही हैं, घाटों पर अलग ही रौनक है और छठी मैया की भक्ति में सभी लीन हैं। वहीं छठ पर बजने वाले गीतों में हमेशा से ही बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का नाम सबसे ऊपर रहता है। लेकिन इस बार लोगों के दिल में उदासी है क्योंकि छठ के इस पावन पर्व पर इस बार शारदा सिन्हा हमारे बीच में नहीं है।
आखिरी गीत गाकर चली गईं शारदा सिन्हा
छठ पर इस बार सबकुछ है, लेकिन अगर कुछ सून है, तो बिहार कोकिला के उन गानों की ब्यार, जिनसे छठ का त्योहार खिल उठता था। हर बार महापर्व छठ आए और शारदा सिन्हा गाना ना गाएं, ऐसा भला हो कैसे सकता है। पिछले साल शारदा सिन्हा ने छठ के लिए 'दुखवा मिटाईं छठी मैया' गीत गाया था। किसे पता कि बिहार कोकिला का छठी मैया के लिए गाया गया ये गाना उनका आखिरी गाना बन जाएगा। खुद शारदा सिन्हा की बेटी ने बताया था कि, जब उनकी मां बीमार थीं, तब ही उन्होंने ये गीत गाया था। अब दर्शक इस गाने को सुनकर बिहार कोकिला को याद कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- जब कंगाल होकर सड़क पर आ गए थे Amitabh Bachchan, 1 रुपए की फीस लेकर इस फिल्म ने बदली किस्मत!
गजब है शारदा सिन्हा का संगीत
हो दीनानाथ, पाहिले पहिल छठी मैया, छठ के बरातिया, केलवा के पात...समेत ना जाने कितने गीत हैं, जो शारदा सिन्हा ने गाए हैं। छठ जब भी आता है तो लगता है गीतों की गूंज अब कानों को सुकून देगी। वो आवाज कानों को सुकून देगी जो सालों से देती आ रही है। शारदा सिन्हा का फिर कोई गीत आएगा जो मन को शांति के साथ छठी मैया की भक्ति में खुद और ज्यादा लीन करने पर मजबूर कर देगा। लेकिन इस साल तो मानों जैसे छठ का त्योहार बिना शारदा सिन्हा के थोड़ा सूना सा लग रहा है। संगीत की असली परिभाषा जानने वाले खुद ये मानते हैं कि, संगीत के यूं तो कई प्रकार हो सकते हैं। कोई संगीत आपके दिल को सुकून से सराबोर कर देता है, तो किसी संगीत में वो चुलबुलापन छिपा होता है, जिससे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, तो कोई संगीत ऐसा होता है जो बिन बताए बहुत कुछ कह जाता है और दिल के तार छेड़ जाता है, जिससे आंखों में कभी-कभी पानी भी आ जाता है। लेकिन शारदा सिन्हा के संगीत का जादू ऐसा है, जो ना जाने कौन सी तृप्ति देता है।
आज छठ के त्योहार पर भले ही बिहार कोकिला हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी यादों और उनके द्वारा गाए गीतों का खजाना हर बिहारी और हर वो शख्स अपने दिल में संजो कर बैठा है, जिसके लिए छठ महज एक त्योहार नहीं बल्कि भावना है। आने वाले 5 नवंबर को शारदा सिन्हा को गए पूरा एक साल हो जाएगा। पिछले साल 2024 में 5 नवंबर को ही उनका निधन हुआ था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।