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जब सिनेमाहाल में RD Burman को अकेला छोड़कर चली गई थीं रीटा पटेल, संगीत के लिए उतरवा दी थी तबलावादक की शर्ट

आर डी बर्मन (R.D Burman) यानी राहुल देव बर्मन गुजरे जमाने के वो फनकार हैं जिनका संगीत आज भी हमारे कानों में गूंजता है। 27 जून को उनकी बर्थ एनिवर्सरी मनाई जाती है। यूं तो आपने आशा भोसले के साथ उनकी लव-स्टोरी के किस्से सुने होंगे लेकिन उनकी पहली पत्नी के बारे में कम ही बात होती है। चलिए जानते हैं कुछ दिलचस्प किस्से।

By Surabhi Shukla Edited By: Surabhi Shukla Published: Wed, 26 Jun 2024 04:54 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2024 08:58 PM (IST)
27 जून को आरडी बर्मन की बर्थ एनिवर्सरी है। फोटो- इंस्टाग्राम

एटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आरडी बर्मन एक ऐसे संगीतकार थे, जिसे किसी एक दायरे में कैद नहीं किया जा सकता। उन्होंने इंडियन और वेस्टर्न म्यूजिक को इतनी खूबसूरती से मिक्स किया कि सरगम के नये रंग ही सामने आ गये।

पंचम दा ने साबित किया कि संगीत सिर्फ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स में नहीं हर चीज में बसता है। हर आवाज कैसे संगीत बन सकती है, ये उन्होंने करके दिखाया। आरडी बर्मन का म्यूजिक गुजरते समय के साथ ज्यादा पॉपुलर हुआ। 

आरडी बर्मन का जन्म 27 जून 1939 कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता सचिन देव बर्मन खुद गायक और दिग्गज संगीतकार थे। वो एक रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखते थे। उनकी मां मीरा एक गीतकार थीं। फिल्म को समझकर म्यूजिक तैयार करना पंचम दा की खासियत थी और यह उन्होंने अपने पिता से सीखा था। पाश्चात्य संगीत पर उनकी खास पकड़ रही। एक साज दूसरे साज को दबा ना दे, पंचम इसका भी बहुत ख्याल रखते थे।

कैसे पड़ा पंचम दा नाम?

राहुल देव बर्मन का नाम पंचम कैसे पड़ा इसके पीछे कई कहानियां हैं। कुछ का कहना है कि बचपन में वो जब रोते थे तो उनकी आवाज इंडियन म्यूजिकल स्केल के पांचवे सुर जैसी थी। वहीं, कुछ का कहना है कि वो पांच अलग-अलग तरह की आवाज में रोते थे। कुछ कहते हैं कि अशोक कुमार या मन्ना डे ने उनका नाम पंचम दा रखा था।

संगीतकार आरडी बर्मन हर चीज में संगीत ढूंढ लेते थे। उन्हें सुरों के साथ एक्सपेरिमेंट करना पसंद था। उन्होंने बांस, कप-प्लेट, कंघी, कांच की बोतलों, गत्ते-लकड़ी के बॉक्स जैसी चीजों का इस्तेमाल कर संगीत बना दिया।

अगर आपने ध्यान दिया हो तो महबूबा महबूबा गाने की शुरुआत में जो साउंड आती है, वह आरडी बर्मन ने व्हिस्की की बोतल में हवा भरकर उसमें फूंक मारकर निकाला था।

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उतरवा दी तबलावादक की शर्ट

एक बार तो साउंड निकालने के लिए आरडी बर्मन ने अपने तबलावादक की शर्ट तक उतरवा दी थी। दरअसल, एक गाने के लिए कुछ अलग ध्वनि चाहिए थी।

उस समय आरडी बर्मन के तबलावादक मारुति राव हुआ करते थे। आरडी बर्मन ने उनसे अपनी शर्ट निकालने के लिए कहा। मारुति ने पहले तो पूछा क्यों, लेकिन फिर हिचकिचाते हुए शर्ट उतार दी। आरडी बर्मन ने उनकी पीठ से आवाज निकाली और एक गाने में उसे पिरो दिया।

दोस्तों से लगी थी शर्त

आरडी बर्मन और लक्ष्मीकांत एक बार दार्जिलिंग घूमने गए थे। वहां मुंबई से लड़कियों का एक ग्रुप भी गया हुआ था। उनमें से कुछ लड़कियों ने आर डी बर्मन का आटोग्राफ भी लिया।

लगभग 6 महीने बाद एक लड़की का फोन आया कि आप रीगल सिनेमा आ सकते हैं, यहां जेम्स बॉन्ड की एक फिल्म लगी हुई है, वो देखते हैं। पंचम चले गए, लेकिन एक घंटे के अंदर ही लौट आए। असल में लड़की उन्हें सिनेमाघर में छोड़कर निकल गई थी और फिर आई ही नहीं। ये लड़की थी रीटा पटेल, जिससे बाद में आरडी बर्मन की शादी हुई थी।

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