कपड़े खरीदने के लिए Dharmendra को पैसे देते थे मनोज कुमार, दोस्त की सलाह से ही धर्म पाजी बने सुपरस्टार!
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र (Dharmendra) इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत काफी नाजुक बताई जा रही हैं (Dharmendra Health Update)। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक वो दौर भी था जब धर्मेंद्र के पास पहनने के लिए कपड़े भी नहीं होते थे और उस वक्त धर्मेंद्र की मदद किसी और ने नहीं बल्कि दिग्गज अभिनेता रहे मनोज कुमार (Manoj Kumar) ने की थी। क्या है वो किस्सा, आइए आपको बताते हैं...

जब धर्मेंद्र ने मनोज कुमार को कपड़ों के लिए दिए पैसे
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली. बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत काफी नाजुक बताई जा रही हैं। हालांकि कई रिपोर्ट्स में ये दावा भी किया जा रहा है कि उनकी हालत में सुधार भी हो रहा है। इसके साथ ही उनका परिवा भी उनके साथ अस्पताल में इस वक्त मौजूद है। बीते दिनों ही धर्मेंद्र को सांस संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था और तबसे वह अस्पताल में ही भर्ती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो धर्मेंद्र आज इतने बड़े सुपरस्टार बने, वो एक वक्त पाई-पाई को भी तरस रहे थे। एक वो दौर भी था जब धर्मेंद्र के पास पहनने के लिए कपड़े भी नहीं होते थे और उस वक्त धर्मेंद्र की मदद किसी और ने नहीं बल्कि दिग्गज अभिनेता रहे मनोज कुमार ने की थी। क्या है वो किस्सा, आइए आपको बताते हैं...
मनोज कुमार ने की धर्मेंद्र की मदद
दरअसल धर्मेंद्र के करियर में मनोज कुमार (Manoj Kumar) का काफी योगदान रहा है। धर्मेंद्र के करियर में मनोज कुमार ने काफी मदद की थी। इसी साल जब धर्मेंद्र के बेटे और एक्टर सनी देओल की फिल्म जाट आई थी तो उन्होंने अपने पापा धर्मेंद्र और मनोज कुमार की दोस्ती से जुड़ा काफी मजेदार किस्सा सुनाया था। सनी देओल ने बताया था कि,
'मेरे पापा धर्मेंद्र और मनोज कुमार जी दोनों इंडस्ट्री में साथ रहे। मनोज कुमार जी हमेशा हमारे लिए पिता के समान रहे हैं और बचपन से ही मैंने उन्हें अपने पिता के साथ देखा। मेरे पिता का उनके साथ काफी गहरा जुड़ाव था। मैं बस इतना ही कहूंगा कि उन्होंने जो फिल्में कीं, वो भारत के बारे में थीं और बहुत प्यारी थीं। उसी से देशभक्ति का सिलसिला शुरू हुआ। पापा मुझे बता रहे थे कि जब वो शुरुआती दिनों में मनोज जी के साथ थे, तो वे संघर्ष कर रहे थे। जेब में पैसे नहीं होते थे। जब मनोज जी के पास कुछ पैसे होते थे और वे कपड़े खरीदने जाते थे, तो वे मेरे पापा से कहते थे, 'आ लेले धरम, तू वी लेले दो कमीजें'। तो, उनके बीच बहुत खूबसूरत रिश्ता था और मुझे लगता है कि वह समय बहुत अच्छा था, वह जमाना वापस नहीं आ सकता।'
धर्मेंद्र को फिल्मों के लिए मनोज कुमार ने किया था प्रोत्साहित
ये उन दिनों की बात है, जब धर्मेंद्र मुंबई में एक रोल के लिए संघर्ष कर रहे थे, तो उनकी मुलाकात मनोज कुमार से हुई। उस समय मनोज कुमार की किस्मत भी इंडस्ट्री में उनका कुछ खास साथ नहीं दे रही थी। हालांकि, राइटिंग टैलेंट के दम पर जैसे-तैसे मनोज कुमार का मायानगरी में रहने के लिए खर्चा-पानी निकल जाता था। हालांकि, उम्मीद के अलावा धर्मेंद्र के पास कोई ऐसी चीज नहीं थी, जो उन्हें भूख-प्यास से बेबस होकर मुंबई में रहने की वजह दे।
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जब सालोंसाल के संघर्ष के बाद भी धर्मेंद्र को इंडस्ट्री में सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने लौटने का मन बना लिया और अपना सामान पैक कर लिया। कहा जाता है कि, जब थक-हारकर धर्मेंद्र पंजाब जाने के लिए ट्रेन में बैठ चुके थे, लेकिन जैसे ही मनोज कुमार को इस बात का पता चला तो वो तुरंत अपने दोस्त के पास स्टेशन पहुंच गए और समझाया कि उन्हें ऐसे वापस नहीं जाना चाहिए और किस्मत पर भरोसा रखें सब अच्छा होगा।
इसके बाद मनोज कुमार के काफी समझाने-बुझाने के बाद धर्मेंद्र आखिरकार मान गए और उन्होंने दोबारा फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाना शुरू कर दिया। धर्मेंद्र की किस्मत पलटी और उन्हें 1960 में फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' मिली। इस फिल्म के बाद तो धर्म पाजी के करियर की गाड़ी चल पड़ी और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और फिर कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं।
इसी साल जब मनोज कुमार का निधन हुआ तो धर्मेंद्र अपने दोस्त के जाने से काफी टूट गए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद कई तस्वीरें शेयर की थीं और कहा था कि दोस्त के जाने से वो बेहद दुखी हैं। धर्मेंद्र और मनोज कुमार ने एक साथ ज्यादा फिल्में तो नहीं कीं लेकिन हां मनोज कुमार के डायरेक्शन वाली फिल्म में काम करने की धर्मेंद्र की इच्छा अधूरी रह गई, इसका जिक्र भी धर्मेंद्र ने ही किया था।

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