The Taj Story Collection: 'Thamma' के क्रेज के बीच दबे पांव आई परेश रावल की फिल्म, बॉक्स ऑफिस पर किया बवाल
The Taj Story Collection Day 3: दर्शकों और समीक्षकों की मिली-जुली समीक्षाओं के बावजूद, परेश रावल की 'द ताज स्टोरी' बॉक्स ऑफिस पर लगातार बढ़त बनाए हुए है। फिल्म के आंकड़े बताते हैं कि यह 'द कश्मीर फाइल्स' या 'द केरल स्टोरी' जैसी ही साबित हो सकती है। फिल्म को कंट्रोवर्सी का भी काफी फायदा मिल रहा है। जानिए तीसरे दिन का कलेक्शन?
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परेश रावल की ताज स्टोरी का कलेक्शन (फोटो-इंस्टाग्राम)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। तमाम विवादों के बावजूद परेश रावल की फिल्म द ताज स्टोरी 31 अक्टूबर, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। तुषार अमरीश गोयल द्वारा निर्देशित यह फिल्म ताजमहल के अंदर बंद 22 कमरों के रहस्य को उजागर करती है और इसके इतिहास से जुड़ी पुरानी मान्यताओं पर सवाल उठाती है।
कितना रहा पहले दिन का कलेक्शन?
फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर अच्छी शुरुआत की। सैकनिल्क के अनुसार, द ताज स्टोरी ने पहले दिन लगभग 1.04 करोड़ रुपये की कमाई की। इस मिस्ट्री ड्रामा की शुरुआत भले ही सामान्य रही हो और दर्शकों से इसे मिली जुली प्रतिक्रिया मिली हो लेकिन इसकी कहानी लोगों के जहन में कई सारे सवाल छोड़ गई है। कुछ दर्शकों को इसके विषय के प्रति जिज्ञासा थी, जबकि अन्य इसके आधार को लेकर संशय में थे। फिल्म भी धीरे-धीरे बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ बना रही है।
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कौन-कौन से कलाकार आए नजर
दूसरे दिन यानी शनिवार को फिल्म ने 1.9 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। वहीं सैकनिल्क के मुताबिक तीसरे दिन का ट्रेंड भी सामने आ गया है। इसके मुताबिक फिल्म ने 1.86 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। इस हिसाब से फिल्म का कुल कलेक्शन 4.76 करोड़ रुपये हो गया है।
फिल्म के मुख्य कलाकारों में परेश रावल के अलावा जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, नमित दास और स्नेहा वाघ शामिल हैं।
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किस बात पर था विवाद?
'द ताज स्टोरी' अपनी नेशनल रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई थी जब दो जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर करके इस पर प्रतिबंध लगाने और इसके प्रमाणन की समीक्षा की मांग की गई थी। याचिकाओं में दावा किया गया था कि फिल्म में ताजमहल के ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। हंगामे के बावजूद निर्माता अपने काम पर डटे रहे। जाकिर हुसैन और परेश रावल, दोनों ने फ़िल्म का बचाव करते हुए कहा कि यह शोध पर आधारित है और इसका उद्देश्य समुदायों या धर्मों के बीच संघर्ष भड़काना नहीं है।

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