Mission Impossible The Final Reckoning Review: एक्शन में नहीं पहले जैसा रोमांच, मिशन इम्पॉसिबल में चूक गए टॉम क्रूज?
टॉम क्रूज (Tom Cruise) की फ्रेंचाइजी फिल्म मिशन इम्पॉसिबल द फाइनल रेकनिंग भारत के सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। फिल्म को देखने के बाद सिनेमा लवर्स ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी। अगर आप इसे देखने की योजना बना रहे हैं तो टिकट बुक करने से पहले रिव्यू एक बार जरूर पढ़ लें। इसके बाद आप सही फैसला आसानी से ले पाएंगे।

प्रियंका सिंह, मुंबई। साल 1996 में मिशन इम्पॉसिबल से शुरू हुआ एक्शन स्पाई का जबरदस्त सफर अब इस फ्रेंचाइज की आठवीं फिल्म मिशन इम्पॉसिबल: द फाइनल रेकनिंग के साथ खत्म हो रहा है। फ्रेंचाइज की आखिरी फिल्म होने के साथ यह साल 2023 में रिलीज हुई फिल्म मिशन इम्पॉसिबल: डेड रेकनिंग पार्ट वन की सीक्वल भी है।
टॉम क्रूज की फिल्म की कहानी
कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां मिशन इम्पॉसिबल: डेड रेकनिंग पार्ट वन की कहानी खत्म हुई थी। एक बार फिर इम्बासिबल मिशन फोर्स (आईएमएफ) का एजेंट इथेन हंट (टॉम क्रूज) पर दुनिया को बचाने की जिम्मेदारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति (एंजेला बैसेट) इथेन को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट) विलेन वजूद (एक तरह का वायरस) को रोकने का जिम्मा देती है। वजूद को रोकने का एक ही तरीका है कि उसके पहले रूप यानी सोर्स कोड को ढूंढा जाए, जो समंदर में दबे रशियन सबमरीन के भीतर लगे ड्राइव में कैद है। वहीं गेब्रियल (एसाई मोरालेस) भी वह सोर्स कोड चाहता है, ताकी वह वजूद को अपने नियंत्रण में करके उसे अपनी ताकत बनाकर दुनिया पर राज कर सके। वजूद ने कई न्यूक्लियर पावर वाले देशों को अपने काबू में कर लिया है। अब वह अमेरिका के डिफेंस सिस्टम को हैक करने वाला है। इथेन अपनी टीम के साथ इसे कैसे रोकेगा फिल्म उस पर आगे बढ़ती है।
मिशन इम्पॉसिबल फिल्म (Mission Impossible The Final Reckoning) की कुछ खासियत रही है, जिसे देखने के लिए दर्शक आते हैं, वह है दिल की धड़कनें बढ़ा देने वाले एक्शन, चेज सीन और वह सिग्नेचर संगीत जिसके बजते ही फिल्म का नाम याद आ जाता है। इन दोनों की ही कमी फिल्म में है।
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मिशन इम्पॉसिबल कहां चूक गई?
एक्शन में वह रोमांच नहीं, जिसके लिए यह फ्रेंचाइज जानी जाती है। हालांकि फिल्म में पानी की गहराइ में फिल्माया सीन जबरदस्त है। इसके लिए सिनेमैटोग्राफर फ्रेजर टैगार्ट की सराहना बनती है। हालांकि, फिल्म का दूसरा बड़ा एक्शन सीन हवा में फिल्माया गया है। जिस तरह से इथेन विलेन को हवा में प्लेन से निकालकर फेंकता है या उसे चोट लगती है, वह बेहद बचकाना है। ऐसा लगता है फिल्म के स्टंट डायरेक्टर्स के पास आइडिया की भारी कमी हो गई थी। इससे बेहतरीन एक्शन टॉम ने तब किया था, जब तकनीक इतनी एडवांस नहीं थी।
इस बार निर्देशक क्रिस्टोफर मैकक्वेरी ने फिल्म की कहानी एरिक जेंड्रेसन के साथ मिलकर लिखी है। मध्यांतर से पहले फिल्म में बातें, बातें और सिर्फ बातें होती रहती हैं। दूसरे हिस्से में जब इथेन मिशन पर निकल जाता है, तब फिल्म रफ्तार पकड़ती है।
उन दर्शकों को कुछ दृश्यों को समझने में दिक्कत हो सकती है, जिन्होंने इस फ्रेंचाइज की पिछली फिल्में नहीं देखी हैं। पिछली फिल्मों के कुछ पात्र, घटनाएं, तिथियों का जिक्र कहानी में है।
एक्टिंग कैसी है?
अभिनय की बात करें, तो टॉम क्रूज का पात्र फिल्म में कोई सुपरहीरो नहीं है, लेकिन उनके कारनामे सुपरहीरो से कम नहीं। लंबे बालों में 62 साल के टॉम कहीं से भी इस उम्र का अहसास नहीं कराते हैं। एंजेला बैसेट स्क्रीन पर कम ही दिखती हैं, लेकिन दमदार लगती हैं। हेले एटवेल अपने रोल में जंचती हैं। विलेन के रोल में एसाई मोरालेस दमदार नहीं लगते, क्योंकि उनका रोल ही कमजोर लिखा गया था। फिल्म में अंत तक एक मजबूत विलेन की कमी महसूस होती रहती है। हमारी तरफ से फिल्म को 2.5 की रेटिंग की जा रही है। अगर आप टॉम क्रूज के फैंस हैं, तो फिल्म को जरूर देख सकते हैं।
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