टीवी की Mahabharat के दमदार डायलॉग, जिन्हें सोशल मीडिया पर खूब किया गया पसंद
बी आर चोपड़ा की महाभारत (Mahabharat) का जिक्र अक्सर टीवी लवर्स के बीच चलता है। इसका प्रसारण 1988 में दूरदर्शन पर हुआ था। आज भी यह बेहतरीन उपदेशों के लिए जानी जाती है। महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया। आज बात उन डायलॉग की कर रहे हैं जिनकी चर्चा अक्सर लोग सोशल मीडिया पर करते हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बी आर चोपड़ा की महाभारत का प्रसारण दूरदर्शन पर साल 1988 में किया गया था। उनके बेटे रवि चोपड़ा ने इस धारावाहिक में निर्देशक की भूमिका निभाई थी। मुकेश खन्ना ने पितामह भीष्म का किरदार बखूबी निभाया। इसके अलावा, रूपा गांगूली, पंकज धीर, प्रवीण कुमार और गजेंद्रा चौहान जैसे कलाकारों को लीड रोल में देखा गया। जब बात महाभारत की होती है, तो इसमें भगवान कृष्ण के दिए उपदेश और सलाह को जरूर याद किया जाता है।
धार्मिक सीरियल महाभारत के कुछ डायलॉग लोगों को नेक रास्ते पर चलने की सलाह देते हैं, जो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहते हैं। इतना ही नहीं, इनके ऊपर मीम्स भी काफी ज्यादा बन चुके हैं। आइए फिर इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
समय बड़ा बलवान होता है
मुकेश खन्ना ने भीष्म के किरदार को बेहतरीन ढंग से छोटे पर्दे पर निभाया। महाभारत (Mahabharat) के युद्ध में उनके किरदार ने अपने अनुभव से कुछ जरूरी संदेश भी दिए। भीष्म पितामह का एक डायलॉग यह भी है कि समय बड़ा बलवान होता है, जो सोशल मीडिया पर अक्सर छाया रहता है।
Photo Credit- IMDb
ये भी पढ़ें- Mahabharat का दुर्योधन बनकर रातोंरात चमक गया था ये एक्टर, बन चुका है TV का 'कंस मामा', अब कहां हैं?
जो युद्ध भूमि में रण छोड़ दें, वह क्षत्रिय नहीं होता
महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे। बी आर चोपड़ा के धार्मिक सीरियल में इसे बखूबी दिखाया गया है। इसमें एक दृ्श्य वह भी आता है, जब कृष्ण, अर्जुन को समझाते हैं कि जो युद्ध भूमि में खड़ा होकर रण छोड़ दे, वह श्रत्रिय नहीं होता।
कर्म कर, फल की चिंता मत कर
महाभारत के सबसे पॉपुलर डायलॉग के तौर पर इसे शामिल किया जाता है, जो यद संदेश देता है कि व्यक्ति को कभी भी फल की चिंता करते हुए कोई कर्म नहीं करना चाहिए। बल्कि उसे सदैव पूरा ध्यान कर्म पर ही लगाना चाहिए। सोशल मीडिया पर यह संवाद सबसे ज्यादा चर्चा में भी रहता है।
Photo Credit- IMDb
मोह ही मनुष्य के दुखों की जड़ है
महाभारत में कृष्ण ने कई जरूरी उपदेश दिए हैं। इसमें से एक यह भी है कि व्यक्ति के सभी दुखों की जोड़ उसका मोह ही होता है। ऐसा उन्होंने अर्जुन को समझाया था, जो युद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे।
आत्मा ना जन्म लेती है और ना मरती है
मृत्यु के भय से मुक्त करने वाला महाभारत का यह डायलॉग भी चर्चा में रहता है। इसमें समझाया गया है कि आत्मा ना कभी जन्म लेती है और ना कभी मरती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।