'मंत्री जी! गलत इलाज से हुई मेरे पति की मौत..', अंबाला में पति की मौत के बाद पीड़िता ने लगाई मदद की गुहार
अंबाला में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में सुषमा नामक महिला ने मंत्री के सामने अपने पति की मौत का दुखड़ा सुनाया। उसने आरोप लगाया कि गलत ऑपरेशन और कैंसर की जानकारी न देने से उसके पति की जान चली गई। मंत्री ने जांच के आदेश दिए और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। महिला ने ससुराल पक्ष पर उत्पीड़न का भी आरोप लगाया, जिस पर मंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
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अंबाला में पत्नी ने आरोप लगाया कि पथरी के गलत ऑपरेशन की वजह से चली गई व्यक्ति की जान। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। पंचायत भवन के सभागार में हुई जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक बुधवार शाम उस समय भावनात्मक हो उठी, जब लालकुर्ती निवासी सुषमा ने मंत्री रणबीर सिंह गंगवा के सामने अपने पति की मौत का दर्द बयां किया। आंसुओं से भरी आंखों और कांपती आवाज में उसने कहा- 'मंत्री जी, मेरे पति की मौत इनकी वजह से हुई... अब मैं अपने बच्चे का पेट कैसे भरूं।'
सुषमा ने बताया कि उसके पति विकास कुमार का पित्ते की पथरी का ऑपरेशन गलत तरीके से निजी अस्पताल में किया गया, जिसके बाद हालत बिगड़ती चली गई और उसे दूसरे अस्पताल में भेज दिया गया, जहां उसमें कैंसर के लक्षण बढ़ते गए। महिला ने कहा कि उसे तो यही नहीं बताया गया कि उसके पति को कैंसर है। इसीलिए उसे समय पर सही इलाज नहीं मिला।
'अगर डॉक्टरों ने सही समय पर बताया होता, तो मेरे पति की जान बच सकती थी।' सुषमा यहीं नहीं रुकी बोली कि उसे पता होता तो वह अपने पति को चंडीगढ़ ले जाती। यहां कैंसर पित्ते का ऑपरेशन ही न करवाती। सीएमओ ने जवाब में बताया कि मरीज का इलाज आयुष्मान कार्ड के तहत किया गया था और परिवार से कोई पैसा नहीं लिया गया।
मंत्री गंगवा ने मामले को गंभीर मानते हुए मेडिकल नेग्लिजेंसी बोर्ड से जांच कराने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी डॉक्टर या अस्पताल की लापरवाही पाई जाती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मंत्री ने सुषमा को पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहायता योजना के तहत आर्थिक मदद देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
सुषमा ने बैठक में यह भी बताया कि उसके पति की मौत के बाद ससुराल पक्ष उसे लगातार प्रताड़ित कर रहा है। इस पर मंत्री ने पुलिस अधीक्षक को तुरंत कार्रवाई के आदेश देते हुए कहा कि पीड़िता को सुरक्षा और न्याय दोनों मिलना चाहिए।
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