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    अंबाला में कर्मभूमि एक्सप्रेस में बच्चों की तस्करी का प्रयास नाकाम, 10 मासूम छुड़ाए

    अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर जिला युवा विकास संगठन ने कर्मभूमि एक्सप्रेस से 10 बच्चों को बचाया। ये बच्चे पंजाब और जम्मू में मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे थे। इनमें नेपाली बच्चे भी शामिल थे जिन्हें पढ़ाई के नाम पर ले जाया जा रहा था। दिल्ली की संस्था से मिली सूचना पर कार्रवाई हुई और बच्चों के आधार कार्ड फर्जी पाए गए।

    By Umesh Bhargava Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 29 Aug 2025 02:19 AM (IST)
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    कर्मभूमि एक्सप्रेस यात्रियों के साथ बाल तस्करों की भी बनी ट्रेन, मासूमों के बचपन पर बार-बार वार

    जागरण संवाददाता, अंबाला। कर्मभूमि एक्सप्रेस एक बार फिर बच्चों की तस्करी का माध्यम बनती दिखाई दी। बुधवार को अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर जिला युवा विकास संगठन की टीम ने 10 बच्चों को छुड़ाया।

    जानकारी के मुताबिक, छुड़ाए गए सभी बच्चे मजदूरी के लिए पंजाब और जम्मू ले जाए जा रहे थे। दो बच्चे नेपाल के निवासी थे, जिन्होंने बताया कि उन्हें पढ़ाई के लिए जम्मू भेजा जा रहा था।

    बिहार से आए तीन बच्चों ने कहा कि वे गांव के एक व्यक्ति के साथ अमृतसर में काम करने जा रहे थे। कार्रवाई की सूचना दिल्ली की संस्था जस्ट राइट फार चिल्ड्रन से मिली थी। इसके बाद संगठन की टीम सहारनपुर स्टेशन पहुंची और कर्मभूमि एक्सप्रेस का इंतजार किया।

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    जैसे ही ट्रेन दोपहर 12 बजकर 33 मिनट पर पहुंची, टीम उसमें सवार हो गई। सफर के दौरान बच्चों से लगातार पूछताछ और दस्तावेजों की जांच की गई, जिसमें सभी बच्चों के आधार कार्ड फर्जी पाए गए। यह दूसरी बार है जब इसी ट्रेन से इतने बच्चों को बचाया है। इससे पहले 21 अगस्त को भी 10 बच्चे छुड़ाए गए थे।