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    गरीब रथ में कैसी लगी आग? जांच में कारण आया सामने, चार सदस्यीय कमेटी कर रही जांच

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 10:34 PM (IST)

    पंजाब के सरहिंद रेलवे स्टेशन के पास गरीब रथ एक्सप्रेस में आग लगने की घटना की जांच जारी है। प्रारंभिक जांच एसी डक्ट और इलेक्ट्रिकल वायरिंग पर केंद्रित है। जांच दल इलेक्ट्रिक उपकरणों को आग का मुख्य कारण मान रहा है। घटना की जांच के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसमें रेलवे और पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

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    गरीब रथ में कैसी लगी आग? फोटो जागरण

    दीपक बहल, अंबाला। पंजाब के सरहिंद रेलवे स्टेशन के निकट बर्निंग ट्रेन बनी गरीब रथ एक्सप्रेस की अब तक की प्रारंभिक जांच एसी डक्ट और इलेक्ट्रिकल वायरिंग के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। यानी इन डिब्बों में आग का मुख्य कारण इलेक्ट्रिक उपकरण माना जा रहा है।

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    उत्तर रेलवे बड़ौदा हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी गठित हो चुकी है जो पूरे मामले की जांच कर रही है। इस घटना में सिर्फ रेल अधिकारी ही नहीं, बल्कि पंजाब पुलिस की फोरेंसिंक टीम भी जांच कर रही है।

    घटना के पीछे कोई साजिश तो नहीं, इस एंगिल से भी जांच की जा रही है। पांच टीमें मामले की जांच में जुटी हैं। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रत्यक्षदर्शियों को फिर से बयान लेने के लिए बुलाया जा सकता है। जो तीन कोच जले हैं, वे पंजाब के कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) में वर्ष 2022 में तैयार हुए थे।

    डिब्बों में और क्या बदलाव किया जा सकता है और हादसे का क्या कारण है, इसको लेकर लखनऊ से रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम घटनास्थल का दौरा कर चुकी है।

    रेलवे अभी किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा है और फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहा है। घटनास्थल से सैंपल भी लिये गए, जो जांच के लिए भेज दिए गए हैं। अमृतसर से सहरसा जा रही थी गरीब रथ 18 अक्टूबर को अमृतसर से सहरसा जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस के तीन कोच सरहिंद रेलवे स्टेशन के पास अलग कर दिए गए।

    जी-19 कोच में आग लगी थी, जिसका असर जी-18 और जी-20 पर पड़ा था। जी-19 में आग लगने के बाद यात्री भागकर जी-18 और 20 की ओर बढ़े। जले हुए तीनों डिब्बों को चंडीगढ़ की सिक लाइन में लाकर खड़ा कर दिया ताकि जांच की जा सके।

    तापमान अधिक होने से एसी डक्ट पिघल गया जी-19 में एसी का तापमान अधिक हो गया था, जिसका असर डक्ट और अन्य उपकरणों पर भी पड़ा। यह उपकरण पिघलकर सिकुड़ गए। इनके नमूने जांच में शामिल किए जा रहे हैं।

    इसी डिब्बे में सीट नंबर 15 (आरएसी) में यात्रा कर रहे अनीश कुमार और विपिन कुमार ने आंखों देखा हाल रेलवे को बताया। ऐसे में माना जा रहा है कि एसी डक्ट और बिजली उपकरण इस हादसे का कहीं न कहीं कारण हो सकते हैं। आधिकारिक रूप से अभी इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगी।

    यह तथ्य आए सामने प्रारंभिक जांच में टीमों को कुछ तथ्य मिले हैं। इनमें साफ है कि छत की सीलिंग पूरी तरह से जली पाई गई। यही नहीं साइड वाल की सीलिंग भी आंशिक रूप से जली मिली। इसके अलावा एसी पूरी तरह से जल चुका था, जबकि कोच की छत का पेंट भी जल गया है।

    सीट व बर्थ केबिन भी पूरी तरह से जल गए हैं। खिड़कियां टूटी थीं, जबकि दरवाजे भी जले मिले। चार शौचालय तो पूरी तरह से जल गए। इलेक्ट्रिकल पैनल जला पाया गया, जबकि तारों का इंसुलेशन तक जला हुआ पाया गया।

    जांच में यह टीमें जुटीं घटना के तुरंत बाद अंबाला रेल मंडल के डीआरएम विनोद कुमार भाटिया सहित मंडल के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद पंजाब के कपूरथला कोच फैक्ट्री से भी एक टीम मौके पर आई, क्योंकि यह डिब्बे वहीं पर ही तैयार हुए थे।

    लखनऊ से आरडीएसओ की टीम भी पहुंची, ताकि हादसे के तकनीकी कारणों का पता लगे और डिब्बों में सुधार की संभावनाओं को तलाशा जा सके। इसके अलावा उत्तर रेलवे के अधिकारी और पंजाब पुलिस की फोरेंसिक टीम भी जांच में जुटी है।