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    बहादुरगढ़ जीएसटी रिश्वत मामला: गिरफ्तार अधीक्षक व इंस्पेक्टर का एक दिन और बढ़ा रिमांड, ऑफिस में रहा सन्नाटा

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 03:08 PM (IST)

    बहादुरगढ़ में जीएसटी नंबर खुलवाने के एवज में रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार अधीक्षक भारत मीणा और इंस्पेक्टर नरेश कुमार को कोर्ट ने एक दिन के रिमांड ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। जीएसटी नंबर खोलने की एवज में ढाई लाख की रिश्वत मामले में पकड़े गए बहादुरगढ़ के केंद्रीय जीएसटी रेंज के अधीक्षक भारत मीणा व इंस्पेक्टर नरेश कुमार को सोमवार को पुन: न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन और रिमांड पर सौंपा गया। उनसे पूछताछ जारी है।

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    इधर, बहादुरगढ़ स्थित रेंज कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां एक ही आफिस में दो रेंज हैं। एक रेंज में एक अधीक्षक व एक इंस्पेक्टर की तैनाती है। यहां की रेंज-3 के दोनों ही अधिकारी पकड़े गए हैं। दूसरी रेंज में तैनात अधीक्षक भी सोमवार को कहीं और व्यस्त रहे। कार्यालय में केवल एक इंस्पेक्टर व एक सेवादार ही थे। बाकी कुर्सियां खाली मिली।

    पकड़े गए दोनों अधिकारियों को यहां तैनात किए ज्यादा समय भी नहीं हुआ था। इस घटना के बाद इस कार्यालय से जुड़े रिश्वत के पुराने मामले भी उभर रहे हैं। उधर, सोमवार को कार्यालय के इर्द-गिर्द कई ऐसे शख्स भी नजर आए, जो यहां ऑफिस में बिचौलिये बनकर आते हैं। बताते हैं कि इस तरह के लोग यहां अक्सर देखे जाते हैं।

    मगर दो अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद वे भी सकते में हैं। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार अधिकारियों का पूरा ट्रैक रिकार्ड खंगाला जा रहा है। बता दें कि अधीक्षक भारत मीणा को शनिवार को पकड़ा था। फिर रविवार को इंस्पेक्टर नरेश कुमार की गिरफ्तारी हुई। दोनों अधिकारी मिलकर रिश्वत वसूलने की कोशिश में लगे थे।

    दोनों से रिमांड पर आवश्यक पूछताछ की गई। भारत मीणा की गिरफ्तारी के बाद इंस्पेक्टर नरेश कुमार का नाम न केवल एफआइआर में पाया गया, बल्कि शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई आवाज रिकार्डिंग में भी उसकी पहचान हुई थी। भारत मीणा के बयान में भी इंस्पेक्टर नरेश की संलिप्तता मिली थी।
    रोहतक एसपी विजय कुमार ने बताया कि शिकायतकर्ता की फर्म का जीएसटी नंबर फिर से सक्रिय करने के बदले रिश्वत की डिमांड की थी। पहले तो भारी भरकम जुर्माने का डर दिखाया। फिर एक करोड़ की डिमांड की। आखिर में 40 लाख से घटकर 20 लाख पर आ गए तो परेशान होकर व्यवसायी ने शिकायत कर दी, जिस पर कार्रवाई हुई।