'मनीषा ने एक लीटर स्प्रे मांगा था, मुझे लगा...', भिवानी शिक्षिका मौत मामले में दुकानदार का बड़ा खुलासा
मुख्यमंत्री के आदेश और परिवार की मांग पर मनीषा मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। पुलिस ने स्कूल के चपरासी से लेकर निदेशक तक से पूछताछ की। दुकानदार को मनीषा के हाव-भाव से कोई शक नहीं हुआ। शव मिलने के बाद चेहरा जलाने की अफवाह उड़ी। जांच एजेंसियां अब मामले की तह तक पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं।
मदन श्योराण, ढिगावा मंडी। मुख्यमंत्री के निर्देश और स्वजनों की मांग के बाद मनीषा मौत मामले की सरकार ने सीबीआई को सौंप दी है। फाइल भी भेजी जा चुकी है और अब अगले 10 दिन में सीबीआई ऊपरी आदेशों के बाद जांच शुरू कर सकता है। मगर जब तक जांच जिला पुलिस के पास रही तब तक हर पहलु से इसकी जांच की गई। मनीषा से जुड़े हर शख्स को जांच में शामिल किया गया।
स्कूल के चपड़ासी से लेकर डायरेक्टर तक से पूछताछ की गई। खाद-बीज दुकानदार से भी पूछताछ। अब केस सीबीआई को जाने के बाद पुलिस पूछताछ में शामिल सभी लोग अपने दैनिक कार्यों में जुट गए है। मगर स्कूल स्टाफ हो या खाद-बीज दुकानदार, किसी को भी यकीन नहीं आ रहा कि मनीषा आत्महत्या जैसा कदम उठा सकती है। उसके चेहरे पर अक्सर मुस्कान रहती थी।
हालांकि, यह सीबीआई जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह हत्या है या आत्महत्या। अब तक की जांच के आधार पर पुलिस ये ही मान रही है कि विसरा रिपोर्ट में उसके शरीर से जहरीला पदार्थ निकला है। वहीं मौत का कारण है। मनीषा के हावभाव से नहीं हुआ शक, लगा परिवार वालों ने मंगवाया होगा कीटनाशक दुकानदार देवेंद्र कुमार ने बताया कि मनीषा अक्सर उनकी दुकान के सामने से पैदल गुजरती थी।
11 अगस्त दोपहर में करीब दो बजे वह दुकान पर आई। उसने मोनो एक लीटर मांगा। उसके हाव-भाव सामान्य थे। जिस कारण उसे कोई शक नहीं हुआ। इसलिए उसने एक लीटर स्प्रे दे दिया। इन दिनों कपास, ग्वार व मूंग पर इसका स्प्रे होता है तो सोचा किसान की बेटी है, परिवार वालों ने मंगवाई होगी। 14 अगस्त को पुलिस दुकान पहुंची तो पता चला कि बच्ची के साथ इतनी बड़ी अनहोनी हो गई है।
बच्ची की मौत का अफसोस है। अफसोस इस बात का भी है कि उसके अंतिम संस्कार में नहीं जा सका। देवेंद्र खाद-बीज भंडार दुकान जिस प्ले स्कूल में शिक्षिका मनीषा पढ़ाती थी, उससे महज 100 मीटर की दूरी पर है। मनीषा हर रोज स्कूल से छुट्टी के बाद इसी दुकान के आगे से गुजरकर नर्सिंग स्कल के गेट तक जाती थी। जहां से वो अपने गांव ढाणी लक्ष्मण जाने के लिए बस में बैठती थी।
केमिकल से चेहरा जलाने की अफवाह उड़ी
शव मिलने के बाद केमिकल से चेहरा जलाने की अफवाहों को ध्यान में रखते हुए पुलिस की फोरेंसिक टीम ने आईडियल नर्सिंग कालेज, आईडियल वेटरनरी कालेज और आईडियल इंटरनेशनल स्कूल की लैब में घंटों जांच की थी। फॉरेंसिक टीम ने सभी लैबों की जांच और सभी जगह की वीडियोग्राफी करवाई। हालांकि, बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्टों में यह आया कि चेहरे पर कोई केमिकल या ज्वलनशील पदार्थ नहीं डाला गया।
13 से 26 अगस्त तक आईडियल नर्सिंग कालेज आईडियल वेटरनरी कालेज और आईडियल इंटरनेशनल स्कूल सिंघानी पुलिस छावनी बना रहा। जांच एजेंसियों ने कालेज के चपड़ासी से लेकर डायरेक्टर तक चार से पांच दिन लगातार पूछताछ की। यूं रहा सारा घटनाक्रम :-11 अगस्त को शिक्षिका मनीषा सुबह बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल गई मगर वापस नहीं लौटी। 13 अगस्त को सिंघानी गांव के खेत में उसका शव मिला। गर्दन पर निशान थे।
स्वजनों ने हत्या के आरोप लगाए। ग्रामीणों ने रोड जामकर प्रदर्शन किया। स्वजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव लेने से इनकार किया। 15 अगस्त को स्वजनों की मांग पर पीजीआई रोहतक में दोबारा पोस्टमार्टम हुआ। 16 अगस्त को मुख्यमंत्री ने भिवानी एसपी का तबादला किया।
एसएचओ अशोक कुमार को लाइन हाजिर किया और चार पुलिस कर्मी सस्पेंड किए। 20 अगस्त को स्वजनों की मांग पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई और तीसरी बार दिल्ली एआईआईएमएस से पोस्टमार्टम हुआ। 21 अगस्त को ढाणी लक्ष्मण गांव में सुबह मनीषा का अंतिम संस्कार किया गया।
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