Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अल फलाह यूनिवर्सिटी विवाद: अभिभावकों ने प्रबंधन से पूछे तीखे सवाल, आतंकी विचारधारा वालों की तैनाती पर भड़के

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 09:32 PM (IST)

    फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी में अभिभावकों ने प्रबंधन से मिलकर आतंकी विचारधारा वाले डॉक्टरों की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने पर बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जताई। प्रबंधन ने मान्यता को खतरा न होने का आश्वासन दिया और कहा कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। वीसी को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

    Hero Image

    फाइल फोटो

    दीपक पांडेय, फरीदाबाद। अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रबंधन से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल की ओर से मांग पत्र सौंपते हुए उनसे तीखे सवाल पूछे गए। वे आतंकी विचारधारा वाले डॉक्टरों की तैनाती और अपने बच्चों के भविष्य संबंधी सवालों का जवाब पाने के लिए बेचैन दिखे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभिभावकों ने कहा कि प्रबंधन ने ऐसे डाॅक्टरों की नियुक्ति देते हुए उनके छात्रों के भविष्य को दांव पर क्यों लगाया? वहीं उन्होंने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी की मान्यता को रद कर दिया गया तो उनके बच्चों का क्या होगा। क्योंकि उन्होंने अपने बच्चों को डाक्टर बनाने के लिए मोटी रकम खर्च की है।

    इस पर प्रबंधन की ओर से जवाब दिया गया कि यूनिवर्सिटी की मान्यता को लेकर अभी कोई खतरा नहीं है। हालांकि प्रबंधन की ओर से यह भी बताया गया कि हरियाणा सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली ब्लास्ट के बाद यूनिवर्सिटी परिसर का निरीक्षण किया था।

    उन्होंने प्रबंधन से कुछ दस्तावेज भी लिए थे लेकिन अभी तक प्रतिनिधिमंडल की ओर से कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। अगर मान्यता को लेकर कुछ नकारात्मक परिणाम सामने आने होते तो अभी तक आ जाते। अभिभावकों को आश्वस्त किया गया कि वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर कोई चिंता नहीं करे।

    देशविरोधी गतिविधियां चलाने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई

    अभिभावक खुशपाल सिंह ने कहा कि देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उनको जांच एजेंसी की जांच को लेकर कोई मतलब नहीं है। जांच एजेंसी नियम से अपना काम करती रहेगी लेकिन यूनिवर्सिटी में हुए इतने बड़े प्रकरण के बाद अपने बेटे के भविष्य को लेकर चिंता होती है। उनका बेटा एमबीबीएस सैकेंड इयर का छात्र हैं।

    उसकी फीस और हास्टल के खर्च में हर साल 17 लाख रुपए खर्च होते हैं। एक अन्य अभिभावक जगदीश ने कहा कि पढ़ाई पूरी होने के बाद भी उनके बच्चे पर संकट रहेगा। क्योंकि जिस प्रकरण में यूनिवर्सिटी में नाम पूरे देश में उजागर हुआ है। उसके बाद उनके बेटे की डिग्री को भी संदेह की नजर से देखा जाएगा। एक अन्य छात्र अभिमन्यु कासका ने कहा कि यूनिवर्सिटी के भीतर माहौल पूरी तरह से सामान्य है। जांच का असर यूनिवर्सिटी के भीतर नहीं हैं।

    वाइस चांसलर को भी पूछताछ के लिए बुलाया

    डाॅ. मुजम्मिल और डाॅ. उमर के बारे में चल रही जांच को लेकर वाइस चांसलर भूपिंदर कौर को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया हैं। इसके साथ ही डाॅ. निसार की नियुक्ति को भी पूछताछ की जाएगी। सूत्रों के अनुसार डाॅ. निसार की नियुक्ति के बाद छात्रों ने विरोध जताया था। लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।

    25 से अधिक डाॅक्टर यूनिवर्सिटी से गए बाहर

    यूनिवर्सिटी से शनिवार को 25 से अधिक डाॅक्टर अवकाश लेकर घर चले गए। डाॅक्टरों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वह सोमवार को दोबारा से वापस आ जाएंगे। शनिवार को हाफ डे होने की वजह से घर जा रहे हैं।

    यह भी पढ़ें- Delhi Blast: तबलीगी जमात पर जांच एजेंसियां सतर्क, अब मस्जिद में उनके सदस्यों के आने पर इमाम को देनी होगी हर रिपोर्ट